
काराकाट में पवन सिंह किसको मानते हैं चैलेंज, जानें पावरस्टार ने क्या कहा?
बिहार में बढ़ती सियासी बयानबाजी के बीच भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने आज (23 अप्रैल) अपना चुनाव अभियान शुरू किया और काराकाट में रोड शो किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की.
बिहार में बढ़ती सियासी बयानबाजी के बीच भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने आज (23 अप्रैल) अपना चुनाव अभियान शुरू किया और काराकाट में रोड शो किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की. बता दें कि मीडिया से बातचीत में पवन सिंह ने कहा कि, ”आज मैं लोगों का आशीर्वाद लेने आया हूं.” वहीं चुनौती के सवाल पर उन्होंने आगे कहा कि, ”मुझे किसी को चैलेंज नहीं करना है. मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा है.” बता दें कि बीजेपी ने पहले पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन नाम की घोषणा के बाद पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. अब वह काराकाट में अपने लिए बड़े समर्थन का दावा कर रहे हैं, आज उन्होंने वहां रोड शो किया.
#WATCH | Rohtas, Bihar: Bhojpuri singer & Independent candidate from Karakat Lok Sabha seat, Pawan Singh says, "Today I have come to seek people's blessings. I do not want to challenge anyone, I have faith in my hard work…"#LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/wGbMx2Gpgr
— ANI (@ANI) April 23, 2024
उपेंद्र कुशवाहा से है पवन सिंह की टक्कर
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर काराकाट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, जिसे लेकर बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई थी. पवन सिंह ने वहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं पवन सिंह के ऐलान के बाद यह सीट बिहार की हॉट सीटों में से एक बन गई है. यह सीट एनडीए में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के खाते में गई है. इस सीट से खुद उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं. साथ ही महागठबंधन में यह सीट सीपीआई के खाते में गई है. सीपीआई ने राजाराम को टिकट दिया है.
काराकाट में ये है जातीय समीकरण
इसके साथ ही आपको बता दें कि काराकाट में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र हैं. रोहतास जिले के नोखा, डेहरी और काराकाट विधानसभा क्षेत्र और औरंगाबाद जिले के गोह, ओबरा और नवीनगर विधानसभा क्षेत्र भी काराकाट में हैं. वहीं मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ”यहां दो से ढाई लाख राजपूत वोटर हैं. पवन सिंह राजपूत जाति से आते हैं. वहीं, एक से डेढ़ लाख ब्राह्मण और करीब 75 हजार भूमिहार वोटर हैं. कोइरी-कुर्मी वोटर भी करीब ढाई लाख माने जाते हैं. काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाता डेढ़ से दो लाख हैं. इसके अलावा पिछड़ा, अति पिछड़ा और अनुसूचित जाति के वोटर करीब 2 लाख माने जाते हैं. वहीं जातीय समीकरण की बात करें तो पवन सिंह की राह इतनी आसान नहीं है.