पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में हैं।
विधानसभा चुनाव न लड़ने के उनके फैसले पर उठ रहे सवालों के बीच
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बड़ा खुलासा किया है।
उन्होंने कहा कि —
“पवन सिंह विधायक नहीं, बल्कि सांसद बनना चाहते हैं।
भाजपा उन्हें सही समय पर सही जगह से लोकसभा चुनाव लड़वाएगी।”
मनोज तिवारी ने किया खुलासा – “आसनसोल टिकट मैंने ही दिलवाया था”
दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए भोजपुरी अभिनेता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बताया कि
पवन सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर पार्टी की एक स्पष्ट रणनीति है।
उन्होंने कहा —
“पवन सिंह विधानसभा नहीं, लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वे सांसद बनना चाहते हैं और पार्टी (BJP) भविष्य में उन्हें सही मंच से चुनाव लड़वाएगी।”
मनोज तिवारी ने यह भी बताया कि
2024 लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह को आसनसोल सीट से टिकट दिलाने में उनकी भूमिका रही थी।
“आसनसोल से टिकट दिलवाने की सिफारिश मैंने की थी,
लेकिन बाद में उन्होंने निजी कारणों से टिकट वापस कर दिया।”
आसनसोल से टिकट ठुकराकर काराकाट से लड़े थे पवन सिंह
2024 लोकसभा चुनाव के समय
भाजपा ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था।
लेकिन उन्होंने टिकट लौटाते हुए
बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ लिया।
हालांकि,
उन्हें इस चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा,
और भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
अब विधानसभा चुनाव से पहले
भाजपा ने पवन सिंह को पार्टी में पुनः शामिल कर लिया है।
इसके साथ ही उन्हें स्टार प्रचारक (Star Campaigner) की लिस्ट में जगह दी गई है।
भविष्य में लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर तैयारी
मनोज तिवारी के बयान से यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि
भाजपा पवन सिंह को लोकसभा चुनाव 2029 के लिए तैयार कर रही है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक,
पवन सिंह की लोकप्रियता, भोजपुरी बेल्ट में उनकी गहरी पकड़,
और युवा वोट बैंक पर असर को देखते हुए
उन्हें “सेलिब्रिटी वोट मैगनेट” के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है।
संभावना जताई जा रही है कि
भविष्य में भाजपा उन्हें छपरा, काराकाट या सिवान जैसी सीटों से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
क्या पवन सिंह और बीजेपी में हुई बड़ी डील?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि
पवन सिंह और भाजपा के बीच एक “राजनीतिक समझौता” (Political Deal) हुआ है।
भाजपा ने उन्हें फिलहाल विधानसभा चुनाव से दूर रखकर
आगामी लोकसभा या राज्यसभा के लिए तैयार किया है।
संभावित विकल्प:
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🎯 लोकसभा चुनाव 2029: बिहार की किसी प्रमुख सीट से उम्मीदवार
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🏛️ राज्यसभा सदस्यता: भोजपुरी क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में
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🎤 स्टार प्रचारक की भूमिका: चुनाव प्रचार में युवाओं और भोजपुरी वोटर्स को जोड़ना
पार्टी की पहल पर उपेंद्र कुशवाहा से सुलह
भाजपा सूत्रों के अनुसार,
पवन सिंह और आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बीच सुलह
पार्टी नेतृत्व के हस्तक्षेप से हुई थी।
यह सुलह इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि
दोनों नेताओं के बीच काराकाट लोकसभा सीट को लेकर विवाद था।
पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि
बिहार के “भोजपुरी बेल्ट” में एनडीए का वोट बैंक न टूटे,
और दोनों नेताओं की साझेदारी बनी रहे।
भोजपुरी सिनेमा से राजनीति तक — पवन सिंह का सफर
पवन सिंह सिर्फ एक अभिनेता नहीं,
बल्कि भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं।
उनका गीत “लॉलीपॉप लागेलू” ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और
भाजपा के प्रति खुले समर्थन का ऐलान किया।
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि
भोजपुरी स्टार्स का राजनीतिक प्रभाव
उत्तर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 80 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों तक फैला है,
और यही वजह है कि भाजपा उन्हें “प्रचारक ब्रांड” के रूप में स्थापित करना चाहती है।
बीजेपी का सेलिब्रिटी पॉलिटिक्स मॉडल
भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में
फिल्म और कला जगत के लोकप्रिय चेहरों को अपने अभियान में शामिल कर
लोकप्रियता को वोट में बदलने की रणनीति अपनाई है।
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मनोज तिवारी — भोजपुरी स्टार से सांसद
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रवि किशन — अभिनेता से सांसद
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हिमा मल्लिक और अनुप्रिया पटेल — क्षेत्रीय प्रभाव वाले नेता
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अब पवन सिंह — अगला बड़ा नाम बन सकते हैं
भाजपा का उद्देश्य है कि
पवन सिंह को एक भोजपुरी ब्रांड एंबेसडर के रूप में स्थापित किया जाए,
जो बिहार और पूर्वी यूपी में एनडीए की युवा और सांस्कृतिक अपील को मजबूत करे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मनोज तिवारी का बयान
मनोज तिवारी का यह बयान
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
ट्विटर (X) पर #PawanSingh, #BiharElection2025, और #ManojTiwari ट्रेंड करने लगे।
कई फैंस ने लिखा —
“पवन सिंह अब संसद की ओर बढ़ेंगे — भोजपुरी का सम्मान बढ़ा।”
वहीं कुछ ने लिखा —
“पवन सिंह को राजनीति से ज़्यादा सिनेमा में रहना चाहिए।”
FAQs: पवन सिंह और मनोज तिवारी के बयान पर सबकुछ
Q1. पवन सिंह विधानसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं?
👉 मनोज तिवारी के अनुसार, पवन सिंह विधायक नहीं बल्कि सांसद बनना चाहते हैं।
Q2. क्या बीजेपी ने उन्हें दोबारा शामिल कर लिया है?
👉 हाँ, विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें पुनः भाजपा में शामिल किया गया है।
Q3. क्या पवन सिंह ने पहले बीजेपी का टिकट ठुकराया था?
👉 हाँ, उन्होंने 2024 में आसनसोल सीट से टिकट वापस कर दिया था।
Q4. क्या पवन सिंह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे?
👉 मनोज तिवारी ने संकेत दिया है कि भविष्य में उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा।
Q5. क्या बीजेपी ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाया है?
👉 हाँ, पवन सिंह भाजपा के स्टार प्रचारक लिस्ट में शामिल हैं।
Q6. क्या पवन सिंह को राज्यसभा भेजा जा सकता है?
👉 यह भी एक संभावना है, जिस पर पार्टी विचार कर सकती है।
🎬 निष्कर्ष
पवन सिंह और मनोज तिवारी की मुलाकात ने
भोजपुरी राजनीति में नया उत्साह भर दिया है।
मनोज तिवारी के इस बयान से यह साफ है कि
भाजपा अब पवन सिंह को
“लोकसभा के अगले भोजपुरी चेहरे” के रूप में तैयार कर रही है।
अगर यह रणनीति सफल होती है,
तो बिहार की राजनीति में
भोजपुरी स्टार्स की भूमिका और प्रभाव और भी बढ़ जाएगा।



