पटना। बिहार की राजनीति में सियासी घमासान और तेज हो गया है। बीजेपी सांसद संजय जयसवाल ने जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर (PK) पर गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा है कि PK ने 14 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने PK को “नटवरलाल का दादा” तक कह डाला।
ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देकर लगाया आरोप
सांसद जयसवाल ने इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर मौजूद जन सुराज पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए कई सवाल उठाए।
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2023-24 में पार्टी का खर्च मात्र ₹35,000 दिखाया गया।
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जबकि जमीन पर 200 गाड़ियां, फाइव स्टार टेंट, दर्जनों कर्मचारी और बड़े-बड़े कैंपेन आयोजित किए गए।
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जयसवाल का सवाल: “इतनी भव्य व्यवस्थाओं का खर्च सिर्फ 35 हजार कैसे दिखाया जा सकता है?”
‘नटवरलाल का दादा’ कहा
जयसवाल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा—
“ठगी की दुनिया में बिहार की पहचान नटवरलाल से थी। लेकिन PK तो नटवरलाल का भी दादा निकले। नटवरलाल ने आम लोगों को ठगा, PK बिहार के बुद्धिजीवियों को ठग रहे हैं।”
पत्रकारों को धमकाने का आरोप
जयसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए दावा किया—
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जब एक पत्रकार ने फर्जीवाड़े पर सवाल पूछ लिया तो PK ने उसे धमकी दी।
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“प्रशांत महासागर में डूबाने” तक की बात कही गई।
इससे PK की छवि पर और सवाल खड़े हो गए हैं।
चंदा और संदिग्ध लेन-देन
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सांसद का आरोप है कि आंध्र प्रदेश के सांसद अयोध्या रामी रेड्डी ने PK को 14 करोड़ का चंदा दिया।
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लेकिन यह रकम उनकी घाटे वाली कंपनी से आई।
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जयसवाल का सवाल: “घाटे में चल रही कंपनी इतनी बड़ी रकम क्यों देगी? क्या इसके पीछे कोई खेल है?”
जन सुराज पार्टी के गठन पर भी विवाद
जयसवाल ने जन सुराज पार्टी के गठन पर भी सवाल खड़े किए।
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17 सितंबर 2024 तक पार्टी के अध्यक्ष सरत कुमार मिश्रा थे।
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2 अक्टूबर 2024 को गांधी मैदान में PK ने नई पार्टी का गठन दिखाया।
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महज 15 दिनों में अध्यक्ष बदलकर उदय सिंह कैसे बन गए?
बिहार चुनाव 2025 में PK की चुनौती
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प्रशांत किशोर पिछले तीन साल से जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं।
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उनका दावा है कि 2025 के बिहार चुनाव में वे 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे।
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PK लगातार कहते आए हैं: “बिहार की सरकार इस बार बदलेगी।”
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
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बीजेपी इसे सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला बता रही है।
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PK समर्थक इसे बीजेपी की घबराहट बता रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर लोग बंट गए हैं—कुछ PK को “नई राजनीति” का चेहरा बता रहे हैं, तो कुछ उन्हें “नया नटवरलाल” कह रहे हैं।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर और बीजेपी की जंग अब सीधी टक्कर में बदल गई है।
जहाँ जयसवाल के आरोपों ने PK को घेरने की कोशिश की है, वहीं PK का दावा है कि वे बिहार में बदलाव की राजनीति लेकर आए हैं।
आने वाले चुनावी मौसम में यह विवाद बिहार की सियासत को और गरमा देगा।



