
पटना/सिवान:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और बड़ा दौरा होने जा रहा है। 20 जून को पीएम मोदी सिवान जिले के जसौली गांव में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जहां वह 7000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
यह तीन महीने में उनका तीसरा बिहार दौरा होगा, जो यह स्पष्ट संकेत देता है कि भाजपा और एनडीए अब चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। सिवान, सारण और गोपालगंज के 24 विधानसभा क्षेत्रों को साधने के लिए यह दौरा रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शहाबुद्दीन के गढ़ में बीजेपी की सेंध
कभी बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का गढ़ रहे सिवान में बीजेपी की एंट्री को एक बड़ा सियासी दांव कहा जा रहा है। इस क्षेत्र में मुस्लिम और यादव मतदाता बड़ी संख्या में हैं, जो परंपरागत रूप से महागठबंधन का आधार रहे हैं। 2020 में महागठबंधन ने यहां 8 में से 6 सीटें जीती थीं।
लेकिन पीएम मोदी के दौरे से भाजपा को सवर्ण और अति पिछड़ा वर्ग के वोटरों को जोड़ने की उम्मीद है। पार्टी का दावा है कि “यह जनसभा ऐतिहासिक होगी” और कार्यकर्ता पूरी जान लगा रहे हैं।
बीजेपी की जमीनी तैयारियाँ
सिवान को चुनावी रणभूमि में बदलने के लिए बिहार बीजेपी ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। प्रचार रथों को रवाना किया गया है, और 24 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान ज़ोरों पर है। मंच, सुरक्षा, और लॉजिस्टिक्स की तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं।
मोदी के साथ NDA के सभी बड़े चेहरे
इस जनसभा को और वज़नदार बनाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मंच पर मौजूद रहेंगे। यह गठबंधन की एकता और जातीय संतुलन का सार्वजनिक प्रदर्शन होगा।
सारण प्रमंडल से विधानसभा में वापसी की कोशिश
हालांकि सारण प्रमंडल में फिलहाल महागठबंधन का वर्चस्व है, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में यहां की सभी 4 सीटें एनडीए ने जीती थीं। अब भाजपा चाहती है कि मोदी की लोकप्रियता और योजनाओं के सहारे विधानसभा स्तर पर भी बढ़त बनाई जाए।
चुनाव का शंखनाद
यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक सभा नहीं, बल्कि बिहार चुनाव 2025 की रणनीतिक नींव मानी जा रही है। पीएम मोदी का यह दौरा सिवान की राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है, और महागठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।