
बीजिंग/नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को शंघाई सहयोग परिषद (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक से इतर मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने और बदलती वैश्विक परिस्थितियों में उनके महत्व पर जोर दिया।
सात साल बाद मोदी की चीन यात्रा
पीएम मोदी सात साल बाद चीन पहुंचे हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन दोनों पर टैरिफ लगाए हैं। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 2.8 अरब लोगों का कल्याण भारत-चीन के द्विपक्षीय सहयोग से जुड़ा है।
विश्वास और सम्मान पर आधारित रिश्ते
मोदी ने कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की सैन्य वापसी प्रक्रिया के बाद सीमा पर शांति बनी हुई है।
सीधी फ्लाइट्स और कैलाश यात्रा फिर शुरू
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू की जाएंगी। साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी फिर से शुरू किया जाएगा, जो कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण पांच साल से बंद थी।
शी जिनपिंग का बयान
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन को अच्छे पड़ोसी बनकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, “दुनिया बदलाव की ओर बढ़ रही है। ड्रैगन और हाथी का साथ-साथ चलना जरूरी है। दोनों देशों को बहुपक्षवाद को बनाए रखने और शांति व समृद्धि में योगदान देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभानी होगी।”
वैश्विक राजनीति पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी-शी मुलाकात वैश्विक राजनीति पर असर डाल सकती है, खासकर तब जब अमेरिका ने टैरिफ के जरिए भारत और चीन दोनों पर दबाव बनाया है। SCO शिखर सम्मेलन के दौरान हुई यह मुलाकात भारत-चीन संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है