बिहारः प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को दिया जोर का झटका, आरजेडी ने लिया काउंटर एक्शन
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बिसात पर जोड़ तोड़ का सिलसिला शुरू हो गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अभी वक्त है, लेकिन सियासी बिसात पर जोड़ तोड़ का सिलसिला शुरू हो गया है। जनसुराज यात्रा के जरिए बिहार में राजनीतिक जमीन की तलाश कर रहे प्रशांत किशोर को स्थानीय स्तर पर सहयोग मिलता दिख रहा है। इसे ऐसे समझिए कि तेजस्वी यादव की पार्टी ने भागलपुर में राष्ट्रीय जनता दल की पूर्व महिला जिलाध्यक्ष आशा जायसवाल, व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार साह और सहायक प्रवक्ता अजीत कुमार सहित पांच को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने इस संबंध में निष्कासन का पत्र भी जारी कर दिया है।
प्रशांत किशोर के संगठन के साथ संपर्क में रहने वाले गौराडीह के मो. आफताब आलम और कहलगांव के पवन भारती भी शामिल हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर लालू यादव की पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है। इसी बीच प्रशांत किशोर की ओर से भी उसे चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल प्रशांत किशोर ने कुछ दिनों पहले ही भागलपुर और नवगछिया में बैठक की थी। जनसुराज संगठन के मुखिया की इस बैठक में आरजेडी के तमाम कार्यकर्ताओं ने मदद की थी, जब पार्टी को इसकी सूचना मिली तो मामले की जांच शुरू हुई और पार्टी ने एक्शन लिया।
आरजेडी की जांच में पता चला कि जनसुराज की बैठक के दौरान राजद के स्थानीय नेताओं ने सदस्यता ले ली है। इसकी शिकायत जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर यादव ने प्रदेश अध्यक्ष से की और उन्होंने अनुशासनहीनता के आरोप में सभी को निष्कासित कर दिया। हालांकि पार्टी को पूर्व महिला जिलाध्यक्ष आशा जायसवाल की कई शिकायतें पहले भी मिलती रही थीं। इन्हीं शिकायतों के कारण उन्हें महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु जायसवाल ने जिलाध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया था। उनके स्थान पर सीमा जायसवाल को जिम्मेदारी दी गई थी।