Home खास खबर 17 नवंबर राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर विशेष राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका

17 नवंबर राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर विशेष राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका

0 second read
Comments Off on 17 नवंबर राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर विशेष राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका
0
235

17 नवंबर राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर विशेष राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका

“पत्रकारिता के सिद्धांत”या पेशेवर आचार संहिता

प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार

यह अब भली-भाती ज्ञात हो चुका हैं कि पत्रकारिता जनता और नीति निर्माताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका एक पत्रकार ही निभाता हैं।ये पत्रकार कुलीन वर्ग द्वारा बोले गए संदेश को सुनाते हैं और उन्हें रिकार्ड करते हैं।तत्पश्चात इस सूचनाओं को संसाधित किया जाता है और जनता के हितार्थ सूचना के लिए प्रकाशित किया जाता हैं।

राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को मनाया जाता हैं।1920 के दशक के दौरान लेखक वाल्टर लिपमैंन और एक अमेरिकी दार्शनिक जान डेवी ने एक लोकतांत्रिक समाज मे पत्रकारिता की भूमिका पर अपने विचार विमर्श को प्रकाशित किया था।यह वह समय था जब आधुनिक पत्रकारिता अपने वास्तविक रूप में आ रहा था।

भारत सरकार ने प्रेस संगठनो और पत्रकारों के लिए अनेक नीतियों को निर्धारित किया है।जिसके संदर्भ में वे अपने कार्यो को एक तरफ जारी रखते हैं और उसपर अनुसंधान भी करते हैं।साथ ही संस्थाओं के द्वारा प्रकाशित भी किया जाता हैं।वे इसका परीक्षण भी करते हैं।पत्रकारों को कुछ विशेषाधिकार हैं जो कि आम जनता को प्राप्त नहीं हैं।वे वरिष्ठ अधिकारियों, नेताओं,मशहूर हस्तियों और अन्य व्यक्तियों के साक्षात्कार कर सकते हैं।इसके अलावा वे पत्रकार जो कि सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं,उन पत्रकारों को सरकार द्वारा विशेष संरक्षण दिया जाता है।

पत्रकारिता की नैतिकता के अंतर्गत विविध सिद्धान्त शामिल किए जाते हैं।जो कि पत्रकारों के सामने आनेवाली विभिन्न चनौतियों के संदर्भ में लागू होते हैं।इन सिद्धांतों को “पत्रकारिता के सिद्धांत” या पेशेवर आचार संहिता के रूप मेँ जाना जाता हैं।इन सिद्धांतों का पेशेवर पत्रकारिता संघों के साथ ही प्रसारण और आँन लाईन समाचार संगठनों द्वारा भी अनुसरण किया जाता हैं।

पत्रकार की सूचना के संदर्भ में देश की अखंडता,सूचना की तटस्थता,वैधता और सार्वजनिक जवाबदेही के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।साथ ही पत्रकारिता के सिद्धान्तों का पालन करना चाहिए ताकि जनता में स्वच्छ सूचना का न केवल प्रसारण हो सके बल्कि उससे जनता लाभान्वित हो सके।
पत्रकारिता से जुड़ी नैतिकता नुकसान की सीमा के सिद्धांत को शामिल करता हैं।इनसे किसी की साख की नुकसान होने से बचाया जा सकता हैं।साथ ही नाबालिग बच्चों,अपराध पीड़ितों और अन्य नागरिको की प्रतिष्ठा को बचाया जा सकता हैं।

सूचना के विभिन्न स्रोतों के संदर्भ में कुछ गोपनियता पत्रकारों द्वारा बनाएं जाना आवश्यक होता हैं।यह कानून सरकार द्वारा मांगी गई गोपनीय सूचना से जुड़े स्रोतों के संदर्भ में पत्रकारों के लिए एक कानूनी संरक्षण देता हैं और उनकी पहचान को बनाएं रखने में मदद करता हैं साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता का विस्तार करता हैं।इसके अलावा भारत मे पत्रकारिता से जुड़े अनेक ऐसे कानून हैं जोकि संवेदनशील सूचना की रिपोर्टिग करने में पत्रकारों को प्रतिवन्धित करता हैं।
20 वीं शताब्दी के दौरान सेलिब्रिटी पत्रकारिता का जन्म हुआ।जिसके अंतर्गत फ़िल्म कलाकारों,मॉडलों और मनोरंजन उधोग में अन्य पहचान रखने वाले लोग शामिल थे।इसके अलावा कई मशहूर लोगों के निजी जीवन पर केंद्रित पत्रकारिता का भी प्रांरभ हुआ।सेलिब्रिटी पत्रकारिता, फीचर लेखन से पूरी तरह से अलग हैं।इसके अंतर्गत सिर्फ उन्हीं लोगों की रिपोर्टिंग की जाती हैं, जोकि जनमानस के मध्य पूरी तरह से चर्चित हैं।इसमें विशेषकर राजनीतिक वर्ग के लोग शामिल हैं।
ऐसा कहाँ जाता हैं कि पत्रकारों में अक्सर निष्पक्षता को अस्वीकार करने की प्रवृत्ति होती हैं।वे सामान्य समय में अन्य आम मानकों और नैतिकता को बनाएं रखने में ध्यान देते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में संघीय अदालत को स्रोतों की रक्षा करने का कोई अधिकार नहीं हैं।इन संदर्भ में सुरक्षा राज्य की अदालतों द्वारा प्रदान की जाती हैं।पत्रकारिता के अंतर्गत समाचार लेख के अनेक शैलियों को देखा जाता हैं।समाचार पत्र और पत्रिकाओं में अक्सर उन्हीं सूचनाओं का जिक्र किया जाता हैं, जिन्हें पत्रकारों द्वारा लेखक की दृष्टि से सुबिधा जनक माना जाता हैं।

फीचर से जुड़े लेख अक्सर वास्तविक लेखनी से लंबे होते हैं।इन संदर्भ में अक्सर वास्तविक घटनाओं पर ध्यान न देकर समाचार की लेखन शैली पर दिया जाता हैं।जिनमे कोई सूचना चित्रों से भरी पड़ी रहती हैं।इसके अलावा जो भी सूचनाएं दी गई रहती हैं, वे सभी पिकटोग्राफिक रूप में रहती हैं ताकि लोगों को अधिक से अधिक आकर्षित किया जा सके।

एकाएक पत्रकारिता के अंतर्गत अचानक ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनके वस्तुतः पत्रकारों की यह रणनीति होती हैं कि सूचना को किस तरह से प्राप्त किया जा सके।विज्ञान समाचार से जुड़े पत्रकार विज्ञान के विकास से सबंधित सूचनाओं को एकत्रित करता हैं।साथ ही वैज्ञानिक समुदाय के मध्य किसी जानकारी के संदर्भ में किन किन चीजों को लेकर विरोध की स्थिति बनी रहती हैं।उनका कवरेज करता हैं।इसके अलावा वह किसी आपदा से जुड़े खबरों और ग्लोबल वार्मिंग से जुड़े मुद्दों को भी अपनी खबरों में शामिल करता हैं।

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In खास खबर
Comments are closed.

Check Also

‘टिकट पॉकेट में रखे थे, कुर्ता कोई चोरी कर लिया’, नीतीश कुमार पर क्या बोले MLA गोपाल मंडल

‘टिकट पॉकेट में रखे थे, कुर्ता कोई चोरी कर लिया’, नीतीश कुमार पर क्या बोले MLA गोपाल मंडल …