
पुणे (महाराष्ट्र): ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा किला परिसर में कुछ महिलाओं के नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद शहर में सियासी और धार्मिक विवाद भड़क गया है।
वीडियो सामने आने के बाद पुणे पुलिस ने तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है,
जबकि हिंदू संगठनों ने स्थल का ‘गौमूत्र और गोबर से शुद्धिकरण’ किया।
क्या है पूरा मामला?
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें शनिवारवाड़ा की ऊपरी मंजिल पर
6 से 7 मुस्लिम महिलाएं चटाई बिछाकर नमाज अदा कर रही थीं।
आसपास कुछ बच्चे खेल रहे थे और पर्यटक घूम रहे थे।
वीडियो सामने आते ही BJP सांसद मेधा कुलकर्णी और अन्य हिंदू संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।
उनका कहना है कि “शनिवारवाड़ा पेशवाओं का महल और भारत की ऐतिहासिक धरोहर है,
यहां इस तरह की धार्मिक गतिविधि स्वीकार्य नहीं है।”
सांसद मेधा कुलकर्णी का बयान — “ऐतिहासिक धरोहर का अपमान हुआ”
BJP की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने यह वीडियो
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा —
“शनिवारवाड़ा पेशवाओं का महल था और यह भारत की गौरवशाली ऐतिहासिक धरोहर है।
इसके अंदर नमाज पढ़कर इसका अपमान किया गया है।
हिंदू समाज और संगठनों से अपील है — चलो शनिवारवाड़ा!”
उनकी पोस्ट के बाद ही
सकल हिंदू समाज और पतित पावन संगठन ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया।
शनिवार को बड़ी संख्या में कार्यकर्ता स्थल पर पहुंचे और
गौमूत्र और गोबर से ‘शुद्धिकरण’ किया।
विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शनकारियों ने शनिवारवाड़ा के बाहर
हजरत ख्वाजा सैय्यद दरगाह के सामने जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई,
जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुणे पुलिस ने एहतियात के तौर पर
शनिवारवाड़ा के आसपास का इलाका घेर लिया और
विवादित हिस्से को अस्थायी रूप से सील कर दिया।
तीन महिलाओं पर केस दर्ज — AMASR अधिनियम के तहत कार्रवाई
पुलिस ने तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ
“प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (AMASR) अधिनियम, 1959”
के तहत मामला दर्ज किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —
“शनिवारवाड़ा एक संरक्षित स्मारक है।
यहां किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है।
जांच में सामने आया है कि कुछ पर्यटक महिलाओं ने
बिना अनुमति के वहां नमाज अदा की थी।
इसी आधार पर FIR दर्ज की गई है।”
https://x.com/Medha_kulkarni/status/1979786287189287422
शनिवारवाड़ा का ऐतिहासिक महत्व
पुणे का शनिवारवाड़ा किला मराठा साम्राज्य के इतिहास का
एक प्रमुख प्रतीक है।
यह किला पेशवा बाजीराव प्रथम ने 1732 में बनवाया था,
और यह मराठा शासन की राजधानी रहा।
यह स्थल आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित है।
यहां किसी भी प्रकार की राजनीतिक, धार्मिक या सामूहिक सभा
बिना अनुमति आयोजित नहीं की जा सकती।
हिंदू संगठनों का आरोप — “सांस्कृतिक विरासत को निशाना बनाया जा रहा”
पतित पावन संघ और सकल हिंदू समाज के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि
“कुछ संगठित प्रयासों से ऐतिहासिक हिंदू धरोहरों को निशाना बनाया जा रहा है।”
प्रदर्शनकारियों ने कहा —
“शनिवारवाड़ा सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि हिंदू साम्राज्य का प्रतीक है।
यहां नमाज पढ़ना असंवेदनशील और उकसाने वाली हरकत है।”
उन्होंने मांग की कि
इस घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान कर
सख्त कार्रवाई की जाए।
पुलिस की अपील — “अफवाहों पर ध्यान न दें”
पुणे पुलिस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
डीसीपी (झोन-1) स्मिता पाटिल ने कहा —
“हमने वीडियो की जांच की है और FIR दर्ज कर ली गई है।
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं पर ध्यान न दें।
स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।”
राजनीतिक माहौल में गरमी
इस घटना ने महाराष्ट्र की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है।
BJP, MNS और हिंदू संगठनों ने
राज्य सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि
“धार्मिक मुद्दों को चुनावी फायदे के लिए तूल दिया जा रहा है।”
राजनीतिक विश्लेषक संदीप पाटील कहते हैं —
“शनिवारवाड़ा विवाद केवल धार्मिक नहीं,
बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक संवेदनशीलता का मामला बन गया है।
चुनावी माहौल में ऐसे विवाद
राजनीतिक ध्रुवीकरण का कारण बन सकते हैं।”
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. शनिवारवाड़ा विवाद क्या है?
A1. पुणे के ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा में तीन महिलाओं द्वारा नमाज पढ़े जाने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद विरोध शुरू हुआ।
Q2. पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
A2. पुलिस ने तीन अज्ञात महिलाओं पर AMASR अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है और स्थल को अस्थायी रूप से सील किया है।
Q3. विरोध प्रदर्शन किसने किया?
A3. BJP सांसद मेधा कुलकर्णी के आह्वान पर सकल हिंदू समाज और पतित पावन संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया।
Q4. ‘शुद्धिकरण’ क्यों किया गया?
A4. हिंदू संगठनों ने दावा किया कि नमाज से ऐतिहासिक स्थल अपवित्र हुआ, इसलिए गौमूत्र और गोबर से शुद्धिकरण किया गया।
Q5. क्या शनिवारवाड़ा में धार्मिक गतिविधि की अनुमति है?
A5. नहीं, यह एक संरक्षित पुरातात्विक स्थल है जहां किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं है।
Q6. आगे क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
A6. पुलिस ने जांच टीम गठित की है जो वीडियो की प्रामाणिकता और महिलाओं की पहचान की पुष्टि करेगी।
🔗 External Source: Archaeological Survey of India – AMASR Act, 1959 Guidelines