
पुण्यतिथि: राजीव गांधी के बचपन से लेकर उनके राजनीतिक सफर और फिर हत्या तक की कहानी, जानिए. 21 मई का दिन इतिहास में एक दर्दनाक घटना के लिए याद किया जाता है. आज ही के दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की लिट्टे उग्रवादियों ने जान ले ली थी. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. आइए जानते हैं उस घटना के बारे में और साथ ही राजीव गांधी के बारे में भी…
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में मुंबई में हुआ. जब भारत को अंग्रेजी शासन की गुलामी से आजादी मिली तो इनकी उम्र महज तीन साल थी. देश आज़ाद हुआ और राजीव गांधी के नाना यानी जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने.
राजीव गांधी का बचपन तीन मुर्ति भवन में बीता. उनकी शिक्षा की बात करें तो वे कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल गए लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया. वहां उनके कई मित्र बने जिनके साथ उनकी आजीवन दोस्ती बनी रही. बाद में उनके छोटे भाई संजय गांधी को भी इसी स्कूल में भेजा गया जहां दोनों साथ पढ़े. स्कूली शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद राजीव गांधी आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए. जल्द ट्रिनिटी कॉलेज को उन्होंने अलविदा कह दिया और लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए जहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. राजीव गांधी की रुचि राजनीति में कभी नहीं रही. वह तो पायलट बनना चाहते थे लेकिन, जब 1980 में संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु हुई तो अचानक से राजीव गांधी के लिए भी परिस्थियां बदल गई. उन्हें राजनीति में आना पड़ा और संजय गांधी की मृत्यु से खाली हुए उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र से राजीव गांधी ने पहली बार उपचुनाव लड़ा. वह इस सीट से जीत गए और पहली बार संसद पहुंचे.21 मई 1991 की रात वह तमिलनाडु में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे तो मंच की ओर आती एक महिला आत्मघाती हमलावर ने उन्हें माला पहनाने की कोशिश की. जैसे ही महिला हमलावर ने उन्हें माला पहनाई और पैर छूने के लिए झुकी उसने अपने कमर पर बंधे बम का बटन दबा दिया. इस धमाके में राजीव गांधी की दर्दनाक मौत हो गई.