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नक्सलवाद को अगले साल मार्च तक समाप्त कर दिया जाएगा: राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली: देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत में नक्सलवाद (Left Wing Extremism) को अगले साल मार्च 2026 तक समाप्त कर दिया जाएगा।
वे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (National Police Memorial) में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


पुलिस स्मृति दिवस पर वीरों को श्रद्धांजलि

राजनाथ सिंह ने समारोह में कहा कि देश के पुलिस बलों ने न केवल आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे खतरों से मुकाबला किया है, बल्कि नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

उन्होंने कहा,

“पुलिसकर्मियों ने जिस समर्पण, निष्ठा और साहस के साथ काम किया है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने संकट के हर समय देश की सुरक्षा सुनिश्चित की है।”

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर पुलिसकर्मियों के बलिदान को नमन किया। उन्होंने लिखा,

“पुलिस स्मृति दिवस पर हम अपने पुलिसकर्मियों के साहस को सलाम करते हैं और कर्तव्य पथ पर उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं। उनका समर्पण हमारे देश को सुरक्षित रखता है।”


‘नक्सलवाद अब इतिहास बनने की कगार पर’ — राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों के कारण नक्सलवाद तेजी से खत्म हो रहा है।
उन्होंने कहा,

“नक्सलवाद लंबे समय से हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती रहा है, लेकिन हम इसे जड़ से समाप्त कर देंगे। अगले साल मार्च तक यह समस्या खत्म हो जाएगी। पहले जिन जिलों में नक्सलवाद सक्रिय था, उनकी संख्या अब बहुत कम रह गई है।”

उन्होंने आगे कहा कि अब वे इलाके, जो कभी ‘रेड कॉरिडोर’ कहलाते थे, विकास के केंद्र बन चुके हैं।

“जहां कभी नक्सलियों का राज था, वहां अब सड़कें, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज हैं। ये इलाके अब शिक्षा और विकास के प्रतीक बन चुके हैं।”


सुरक्षाबलों की भूमिका की सराहना

राजनाथ सिंह ने कहा कि CRPF, BSF, ITBP, SSB, राज्य पुलिस बलों और स्थानीय प्रशासन की भूमिका नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक रही है।
उन्होंने कहा,

“जो इलाके कभी गोलियों की आवाज से गूंजते थे, आज वहां बच्चों की पाठशालाओं की घंटियां बज रही हैं। यह हमारे सुरक्षाबलों की वीरता का प्रमाण है।”

उन्होंने कहा कि देश को इन वीर जवानों पर गर्व है, जिनकी वजह से आज भारत नक्सलवाद मुक्त होने की दिशा में अग्रसर है।


‘पुलिस बलों को मिल रही आधुनिक सुविधाएं’

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है।

“हमने पुलिस बलों को न केवल आधुनिक हथियार दिए हैं बल्कि बेहतर प्रशिक्षण, ड्रोन निगरानी प्रणाली, डिजिटल पुलिसिंग टूल्स, फोरेंसिक लैब और सुरक्षा उपकरणों से भी सुसज्जित किया है।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को ‘Police Modernisation Scheme’ के तहत पर्याप्त वित्तीय सहायता दी है, ताकि देश की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सके।


‘पुलिस के योगदान को अब मिल रही पहचान’

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि लंबे समय तक देश ने पुलिस बलों के योगदान को पर्याप्त मान्यता नहीं दी।

“हमारी पुलिस हर मौसम में, हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा करती है। अब समय आ गया है कि हम उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दें।”

उन्होंने कहा कि आज पुलिस बल केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने का कार्य नहीं कर रहा, बल्कि विकास के सहभागी के रूप में काम कर रहा है।


पुलिस स्मृति दिवस: बलिदान की याद में

हर साल 21 अक्टूबर को देशभर में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
यह दिन 1959 की उस घटना की याद दिलाता है जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों ने भारतीय पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

इसी दिन से हर साल यह दिवस देशभर में पुलिसकर्मियों की शहादत और सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (NPM), जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में राष्ट्र को समर्पित किया था, इसी भावना का प्रतीक है।
इसमें 30 फुट ऊंची ग्रेनाइट की ‘वीरता की प्रतिमा’, ‘वीरता की दीवार’ और एक संग्रहालय शामिल है, जो पुलिस बलों के इतिहास और योगदान को दर्शाता है।


राष्ट्रीय पुलिस स्मृति सप्ताह (22 से 30 अक्टूबर)

इस अवसर पर CRPF द्वारा 22 से 30 अक्टूबर तक विभिन्न स्मारक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इनमें शामिल हैं —

  • वीरों के परिजनों का स्वागत

  • पुलिस बैंड परेड

  • शहीदों के सम्मान में मोटरसाइकिल रैली

  • रक्तदान शिविर

  • “Run for Martyrs” कार्यक्रम

  • बच्चों के लिए निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताएं

  • वीरता और बलिदान पर आधारित वीडियो फिल्मों का प्रदर्शन

इस सप्ताह देशभर के सभी पुलिस संगठन अपने स्तर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करते हैं।


राजनाथ सिंह के संदेश का प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनाथ सिंह का यह बयान सुरक्षा एजेंसियों और जनता के बीच आशा और विश्वास का संदेश है।
भारत में पिछले कुछ वर्षों में नक्सलवाद काफी कमजोर हुआ है, और सरकार की नीति “विकास और विश्वास” (Development & Trust) पर आधारित है।

अगर मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य हासिल हो गया, तो यह भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति की ऐतिहासिक सफलता मानी जाएगी।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
A1. उन्होंने कहा कि भारत में नक्सलवाद को अगले साल मार्च तक समाप्त कर दिया जाएगा।

Q2. नक्सलवाद किन इलाकों में अभी सक्रिय है?
A2. वर्तमान में झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार के कुछ सीमित इलाकों में नक्सलवाद की गतिविधियां देखी जाती हैं।

Q3. पुलिस स्मृति दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
A3. हर साल 21 अक्टूबर को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों की याद में यह दिवस मनाया जाता है।

Q4. राष्ट्रीय पुलिस स्मारक कहाँ स्थित है?
A4. यह नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित है।

Q5. प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
A5. पीएम मोदी ने कहा कि पुलिसकर्मियों का समर्पण और साहस देश की सुरक्षा की गारंटी है।

Q6. पुलिस आधुनिकीकरण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
A6. सरकार ने राज्यों को फंड जारी कर ड्रोन, डिजिटल निगरानी प्रणाली और आधुनिक हथियार उपलब्ध कराए हैं।


🔗 External Source: PIB India – Police Commemoration Day 2025 Coverage


End of News Report
🇮🇳 यह रिपोर्ट राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस 2025 के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन पर आधारित है।

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