आदिवासी महिला ने बाल वीरता पुरस्कार लौटाया
ठाणे, दो जून (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक आदिवासी महिला ने बुधवार को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार इसलिए लौटा दिया क्योंकि उसके परिवार को जन वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन नहीं मिल रहा।
हाली रघुनाथ बराफ ने दावा किया कि शाहपुर तहसील के 400 आदिवासी परिवारों की यही दुर्दशा है।
बराफ को अपनी बहन को तेंदुए के चंगुल से बचाने के लिए 2013 में ‘वीर बापूजी गंधानी राष्ट्रीय बालवीर पुरस्कार’ मिला था । वह अब उम्र के दो दशक को पार कर चुकी है और राठ अंडाले पाड़ा में रहती है।
जब यह घटना हुई थी तब वह 15 साल की थी ।
उसने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस पुरस्कार से उसके परिवार के लिए कोई बदलाव नहीं हुआ और आज की तारीख में उसके परिवार को जन वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन नहीं मिल सकता क्योंकि ऑनलाइन प्रणाली में परिवार का नाम ही दर्ज नहीं किया गया।
बराफ ने कहा कि इस व्यथा के चलते उसने उपमंडल अधिकारी को अपना पुरस्कार लौटा दिया।