पटना | राजनीतिक हलचलें तेज़ | संगठन के केंद्र में बदलाव
बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) एक बड़े संगठनात्मक बदलाव की ओर बढ़ रही है। 25 जून तक पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा, और इस बार पार्टी का फोकस है EBC (अति पिछड़ा वर्ग) को साधने पर। साथ ही, तेजस्वी यादव को संगठनात्मक रूप से और अधिक बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
संगठनात्मक चुनाव का टाइमलाइन:
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31 मई – 4 जून: प्रखंड कमिटी का गठन
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5 जून – 13 जून: जिला कमिटियों का चुनाव
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24 जून: राष्ट्रीय परिषद की अंतिम सूची
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5 जुलाई: राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
नए प्रदेश अध्यक्ष की रेस में तीन बड़े नाम:
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जगदानंद सिंह: वर्तमान अध्यक्ष, अनुशासनप्रिय लेकिन हालिया चुनावी हार के बाद पार्टी से दूरी
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मंगनीलाल मंडल: EBC नेता, JDU से RJD में वापसी, मजबूत दावा
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आलोक कुमार मेहता: लालू परिवार के करीबी, राजनीतिक अनुभवधारी
EBC फैक्टर बना ट्रम्प कार्ड?
2023 की जातिगत जनगणना में बिहार की 36% आबादी EBC वर्ग से आती है। इस बार RJD रणनीतिक रूप से इस वर्ग को अपना कोर वोटबैंक बनाने की कोशिश कर रही है। मंगनीलाल मंडल (धानुक समाज) जैसे नेता को वापस लाकर पार्टी ने बड़ा संकेत दिया है।
“नीतीश कुमार ने EBC वर्ग का सिर्फ इस्तेमाल किया, लेकिन अब वह वर्ग तेजस्वी यादव के साथ खड़ा होगा।”
— मंगनीलाल मंडल, RJD नेता
वरिष्ठ पत्रकार इंद्रभूषण का विश्लेषण:
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“लालू यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे, लेकिन असली कमान तेजस्वी यादव के पास है।”
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“तेजप्रताप प्रकरण के बाद जगदानंद सिंह की वापसी की चर्चा भी तेज है।”
उपचुनाव की हार और उसका असर:
हालिया उपचुनाव में RJD को मिली करारी हार ने संगठन पर सवाल खड़े किए। जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह की हार के बाद उन्होंने प्रदेश कार्यालय आना बंद कर दिया। अब ऐसे में पार्टी के अंदर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
क्या बदलेगा समीकरण?
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लालू यादव: राष्ट्रीय अध्यक्ष (लगभग तय)
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तेजस्वी यादव: पार्टी का अभियान चेहरा और रणनीतिक लीडर
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मंगनीलाल मंडल: नया प्रदेश अध्यक्ष?
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आलोक मेहता: बैकअप विकल्प
निष्कर्ष:
RJD एक बार फिर संगठन को मजबूत करने और सामाजिक समीकरणों को साधने में जुट गई है। तेजस्वी यादव को फुल कंट्रोल देने की तैयारी है और EBC कार्ड इस बार चुनावी रणनीति का मुख्य केंद्र बन चुका है।



