
ग्रामीणों ने खोला प्राथमिक विद्यालय अकहा मधुरा अनुसूचित वार्ड 03 का पोल। विद्यालय में कार्यरत है दो शिक्षक। शिक्षक अपनी मनमानी कर एक दिन छोड़ एक दिन आते हैं विद्यालय।
नरपतगंज। बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था का ग्रामीण क्षेत्रों में खुलता जा रहा है पोल, क्षेत्र के बच्चों सहित अभिभावक है त्राहिमाम, शिक्षा व्यवस्था चौपट,एमडीएम योजना में भारी घोटाला, विद्यालय में 6 शौचालय निर्मित परंतु सब है बेकार, विद्यालय में नहीं है चाहरदिवारी, रसोईघर जर्जर, क्लास रूम में बनाया जा रहा है बच्चों का भोजन, प्रत्येक दिन शिक्षक विद्यालय खोलते हैं 10:00 बजे, बंद करते हैं 1:00 बजे, ग्रामीणों ने लगाया गंभीर आरोप। शौचालय में मिला शराब की टुटी बोतलें, अभिभावक ने कहा दोनों शिक्षक प्रत्येक दिन का बनाया हुआ है शिफ्ट, आज अगर आए प्रधानाध्यापक तो कल आएंगे सहायक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह, और बनाएंगे सभी दिन का उपस्थिति।
बताते चलें कि गुरुवार को ग्रामीणों की शिकायत पर नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के मधुरा उत्तर प्राथमिक विद्यालय अकहा मधुरा अनुसूचित वार्ड-03 का समय करीब 2:00 बजे समाचार संकलन के दौरान जायजा लेने संवादाता पहुंचा तो देखा कि विद्यालय कार्यालय सहित क्लासरूम में ताला लटका हुआ था। संवाददाता को देख आसपास के अभिभावक व बच्चे विद्यालय परिसर पहुंच गए और संवाददाता से विद्यालय के कुव्यवस्था के संबंध में पूरी जानकारी देने लगे। उपस्थित ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक के द्वारा एक बोरा एमडीएम योजना की चावल किसी व्यक्ति को दिया गया है,जो बच्चों का भोजन के साथ अन्याय किया गया है, और आज विद्यालय में बच्चों के लिए भोजन तक नहीं बनाया गया है। ग्रामीणों ने एक और गंभीर आरोप लगाया है कि कभी कबार भोजन बनाया जाता है तथा सरकारी योजना के लाभ के लिए शिक्षक अपने चहते बच्चों का इस विद्यालय में नामांकन किए हुए हैं, जिसका लाभ शिक्षक उठाते हैं। समाचार संकलन की खबर सुनते ही प्रधानाध्यापक सुरेश पासवान आनन फानन में विद्यालय परिसर समय करीब 2:30 बजे हाथ में उपस्थिति पंजी लिए पहुंच गए।
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक सुरेश पासवान:-
श्री पासवान से ग्रामीणों की शिकायत के बाद जब पूछा गया की एमडीएम का चावल किसको दिए, तो उन्होंने बताया कि थोड़ा सा चावल चंदा में दिए हैं, जबकि ग्रामीणों ने बताया कि 01 बोरा चावल दिया गया है। शौचालय के संबंध में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्थानीय ग्रामीण के द्वारा शौचालय को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है, जब कि विद्यालय परिसर में कुल 6 शौचालय का निर्माण किया हुआ है।वहीं दो शौचालय अर्धनिर्मित देख संवाददाता ने पूछा तो प्रधानाध्यापक ने बताया की 2012-13 में शौचालय का निर्माण किया गया था, जिसमें ₹50000 की निकासी किया गया था, कुछ रुपया बकाया है, जिस कारण शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। विद्यालय परिसर में शराब की टूटे बोतल के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ग्रामीण लाकर फेक दिया होगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो नीतीश की सरकार में ग्रामीण क्षेत्र का शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर देखने को मिल रहा है जिसका शिकार कहीं ना कहीं ग्रामीण दलित, मजबूर, कमजोर, वर्ग के बच्चे हो रहे हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जा रहा है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन? बिहार सरकार या शिक्षा पदाधिकारी या फिर नौनिहालों। मौके पर अभिभावक व ग्रामीण सदानंद पासवान, ओम प्रकाश पासवान, किशन कुमार पासवान, कौशल कुमार, अमर कुमार पासवान, राजू पासवान, ब्रह्मदेव पासवान, रंजीत पासवान, ओम प्रकाश पासवान, आदि दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।
संवाददाता- विनय ठाकुर