प्रधानमंत्री मोदी दिखाएंगे वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी; वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई तैयारी की जिम्मेदारी
नयी दिल्ली | Seemanchal Live Desk:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 7 नवंबर को वाराणसी से नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन वाराणसी से खजुराहो के बीच चलेगी और उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों को जोड़ने वाला एक अहम मार्ग बनेगी।
रेल मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) जोन के वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे आयोजन की तैयारी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
एनसीआर जोन के अधिकारियों को मिली अहम जिम्मेदारी
रेलवे सूत्रों के अनुसार, प्रयागराज मंडल से एक आंतरिक परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि
“प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एनसीआर जोन के सभी वरिष्ठ अधिकारी वाराणसी में मौजूद रहेंगे।”
अधिकारियों को बैठने की व्यवस्था, स्वागत के लिए पौधारोपण, टेंट लगाना, कुर्सियां और सुरक्षा इंतजामों की निगरानी जैसी जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।
यह आयोजन प्रधानमंत्री के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है।
वंदे भारत एक्सप्रेस: भारतीय रेल का गौरव
वंदे भारत एक्सप्रेस को भारत की अत्याधुनिक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन के रूप में जाना जाता है। यह ट्रेन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित है और
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बेहतर गति,
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आरामदायक सीटिंग,
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ऑटोमेटिक दरवाजे,
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और उच्च सुरक्षा सुविधाओं से लैस है।
नई वाराणसी-खजुराहो वंदे भारत रूट को शुरू करने का उद्देश्य पर्यटन और धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा देना है।
नया मार्ग क्या होगा?
| स्टेशन | स्थिति |
|---|---|
| वाराणसी जंक्शन | प्रारंभिक स्टेशन |
| प्रयागराज जंक्शन | प्रमुख ठहराव |
| झांसी जंक्शन | मध्य मार्ग |
| खजुराहो | अंतिम स्टेशन |
इस मार्ग से वाराणसी, प्रयागराज, और खजुराहो जैसे धार्मिक एवं ऐतिहासिक शहरों को सीधे जोड़ा जाएगा।
रेलवे की तैयारियाँ चरम पर
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि
“कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा, स्वागत, मीडिया कवरेज और यात्री सुविधा से जुड़ी सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।”
वाराणसी स्टेशन को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। इसके साथ ही, पूरे स्टेशन परिसर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई और सजावट का काम जारी है।
वंदे भारत ट्रेनें: आत्मनिर्भर भारत की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत वंदे भारत ट्रेनें देश में निर्मित अत्याधुनिक रेल तकनीक का प्रतीक हैं।
अब तक 25 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों में चल रही हैं, जो
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तेज़,
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सुरक्षित,
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और ऊर्जा-कुशल यात्रा का नया अनुभव दे रही हैं।
नई वाराणसी-खजुराहो ट्रेन इस श्रृंखला की एक और ऐतिहासिक जोड़ होगी।
स्थानीय नागरिकों में उत्साह
वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। कई स्थानीय संगठन इस मौके पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने की तैयारी में जुटे हैं।
रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि यह ट्रेन पर्यटन, व्यापार और यात्रियों के आवागमन को नई गति देगी।
FAQs — वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़े आम सवाल
Q1. प्रधानमंत्री मोदी वंदे भारत एक्सप्रेस को कब हरी झंडी दिखाएंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 नवंबर 2025 को वाराणसी से नई वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना करेंगे।
Q2. यह ट्रेन किन दो शहरों के बीच चलेगी?
यह ट्रेन वाराणसी और खजुराहो के बीच चलेगी।
Q3. रेलवे की तैयारियों में क्या शामिल है?
टेंट, बैठने की व्यवस्था, पौधारोपण, सुरक्षा और स्वागत समारोह की सभी तैयारियाँ एनसीआर जोन के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई हैं।
Q4. यह ट्रेन किस तकनीक से बनी है?
वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित है, जिसे भारत में विकसित किया गया है।
Q5. इस ट्रेन का उद्देश्य क्या है?
धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ना और तेज़, आरामदायक रेल सेवा प्रदान करना।
Q6. क्या यात्री टिकट बुक कर सकते हैं?
हाँ, ट्रेन के आधिकारिक शुभारंभ के बाद यात्री IRCTC की वेबसाइट या रेलवे काउंटर से टिकट बुक कर सकेंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वाराणसी-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाना भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
यह पहल न केवल यात्रा की गति बढ़ाएगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।



