
दो सिर और 4 हाथ-पैर, अनोखे जुड़वां बच्चे को देख लोग हैरान, आपस में जुड़ा है शरीर – SHEOHAR TWIN CHILD
शिवहर में एक अद्भुत बच्ची को जन्म हुआ. बच्ची के 2 सिर, 4 हाथ, चार पैर हैं. जिसको देखकर हर कोई हैरान है.
शिवहर: जुड़वा बच्चे होना आम बात है. लेकिन कई जुड़वा बच्चे ऐसा भी होते हैं जो अपने आप में बेहद खास होते हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार के शिवहर में सामने आया है. जहां एक महिला ने एक अनोखे जुड़वा बच्ची को जन्म दिया, जिसको देखकर हर कोई हैरान है.
दोनों बच्ची के दो सिर और चार हाथ-पैर: बच्चे के जन्म की चर्चा चारों तरफ हो रही है. बच्ची के एक शरीर, दो सिर, चार हाथ-चार पैर हैं. दोनों के सीने का भाग आपस में जुड़ा है. इस अनोखे बच्ची को देखने के लिए सदर अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गई है.
शिवहर में जुड़वा बच्चियों का जन्म: दरअसल, शिवहर के हरनाही पंचायत वार्ड नं. 09 निवासी रामाकांत कुमार के पत्नी खुशबू कुमारी प्रसव पीड़ा होने पर गुरुवार की सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां महिला ने एक शरीर, दो सिर, चार हाथ और चार पैरों वाली बच्ची को जन्म दिया. डॉ. रूबी कुमारी ने बताया कि यह प्रसव सामान्य डिलीवरी से हुआ, लेकिन दुर्भाग्यवश जन्म के कुछ ही क्षणों में उस बच्ची ने दम तोड़ दिया.
दोनों बच्चियों की मौत: डॉक्टर ने बताया कि दोनों बच्चियां आपस में जुड़ी हुई थीं. जन्म के तुरंत बाद दोनों बच्चियों की मृत्यु हो गई, लेकिन मां को डॉक्टरों ने किसी तरह बचा लिया. फिलहाल मां की हालत नाजुक बनी हुई है और इलाज जारी है.
“सुबह 11 बजे खुशबू को अस्पताल लाया गया तब तक सब ठीक था. बच्ची पेट में हलचल कर रही थी पर कुदरत को कुछ और मंजूर था. जब बच्ची को देखा तो मैं सन्न रह गया. चार पैर, चार हाथ और दो सिर और अब वो नहीं रही.”-रामाकांत कुमार, पिता
“मां को जब लाया गया तब वो फुली डायलटेड स्थिति में थीं. समय बहुत कम था. तत्काल डिलीवरी करानी पड़ी. बच्चियां बहुत ही जटिल स्थिति में थीं. सिर, हाथ-पैर सब दोगुना. यदि समय रहते उन्हें किसी उच्चस्तरीय सेंटर पर भेजा गया होता तो शायद बचाया जा सकता था. जन्म के समय बच्चियां एनआईसीयू में नहीं पहुंच पाईं और उनकी जान चली गई.” – डॉ. रूबी कुमारी
जुड़वा बच्चे पैदा होने का कारण: बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूबी कुमारी का मानना है कि आईवीएफ (इन विट्रो फ़र्टिलाइजेशन) के कारण जुड़वा बच्चों के मामले अधिक सामने आए हैं. वे कहते हैं कि आईवीएफ का इस्तेमाल करने पर महिला के शरीर में एक से अधिक अंडे पहुंच जाते हैं, जिसके कारण बच्चों के जुड़वा होने के मामले बढ़े हैं यानी जितने अंडे उतने बच्चे होने की संभावना बन जाती है.
दो तरह के जुड़वा बच्चे: सदर अस्पताल में पैदा बच्चा ‘पैरासिटिक ट्विन’ का एक उदाहरण है. जुड़वा बच्चे होने तो थे पर वो किसी कारण से पूरी तरह विकसित नहीं हो पाए और उनके शरीर का कुछ ही हिस्सा विकसित हो पाया. इस कारण पूरी तरह से विकसित न होने पर एक ही बच्चे के अतिरिक्त अंग बन गए.
कंजॉइन्ड ट्विन: ऐसे बच्चे जो विकसित तो होते हैं लेकिन उनके शरीर का कुछ हिस्सा या कोई एक हिस्सा जुड़ा हुआ होता है. दोनों ही तरह के मामलों में बच्चों का ऑपरेशन करके अलग किया जा सकता है. यदि बच्चे के शरीर का निचला हिस्सा जुड़ा हुआ है तो उसे ऑपरेशन से अलग किया जा सकता है.