Home खास खबर पूर्व IPS अधिकारी शिवदीप लांडे ने किया ऐलान — जमालपुर और अररिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

पूर्व IPS अधिकारी शिवदीप लांडे ने किया ऐलान — जमालपुर और अररिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

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बिहार की राजनीति में उतरेंगे ‘सुपरकॉप’ शिवदीप लांडे — जमालपुर और अररिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में करेंगे चुनावी मुकाबला

रिपोर्टर: सीमांच लाइव ब्यूरो
स्थान: पटना / मुंगेर / अररिया
तारीख: 10 अक्टूबर 2025


घटना का सारांश:

बिहार में अपनी सख्त छवि और जनता से जुड़ाव के लिए मशहूर पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी राजनीतिक पारी की औपचारिक शुरुआत कर दी है।
उन्होंने फेसबुक लाइव के ज़रिए ऐलान किया कि वह दो विधानसभा सीटों — मुंगेर की जमालपुर और सीमांचल की अररिया — से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।


शिवदीप लांडे का ऐलान (Facebook Live से):

फेसबुक लाइव के दौरान लांडे ने कहा —

“मैंने जनता की सेवा पुलिस वर्दी में की, अब बिना वर्दी के करना चाहता हूँ।
बिहार की जनता मुझे जानती है, मैं किसी पार्टी से नहीं, जनता की शक्ति से चुनाव लड़ूंगा।”

उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का उनका उद्देश्य सत्ता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, शिक्षा, और सुरक्षा व्यवस्था को सुधारना है।

“मुंगेर और अररिया दोनों मेरे दिल के करीब हैं — एक मेरी कर्मभूमि, दूसरी मेरी आत्मा की भूमि।”


‘सुपरकॉप’ से ‘जनता के नेता’ बनने का सफर:

शिवदीप लांडे को बिहार में “सुपरकॉप” के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने अपने पुलिस कार्यकाल में —

  • महिलाओं की सुरक्षा,

  • मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान,

  • और शिक्षा को लेकर जनजागरूकता अभियानों
    में अहम भूमिका निभाई।

लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता इतनी रही कि उन्हें “जनता का पुलिसवाला” कहा गया।


राजनीतिक रणनीति: दो क्षेत्रों से चुनाव क्यों?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, शिवदीप लांडे का जमालपुर और अररिया दोनों से चुनाव लड़ने का फैसला रणनीतिक है —

  • जमालपुर (मुंगेर जिला) — लांडे की पोस्टिंग का क्षेत्र रहा, जहां उनका जनसंपर्क मजबूत है।

  • अररिया (सीमांचल) — उनकी सामाजिक पहल “लांडे फाउंडेशन” के ज़रिए शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान के कारण उनकी लोकप्रियता अधिक है।


निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनौती:

बिहार की राजनीति में निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए राह आसान नहीं होती,
लेकिन लांडे के पास “लोकप्रियता और जनता से भावनात्मक जुड़ाव” जैसी बड़ी पूंजी है।

राजनीतिक विशेषज्ञ प्रो. एस.के. झा के अनुसार —

“शिवदीप लांडे की छवि साफ-सुथरी है। अगर वे चुनाव प्रबंधन और जनसंपर्क मजबूत रख पाए,
तो दोनों सीटों पर बड़ा असर डाल सकते हैं — चाहे जीतें या न जीतें।”


लोगों की प्रतिक्रिया:

उनके फेसबुक लाइव के कुछ ही घंटों में

  • 3 लाख से अधिक व्यूज़,

  • 1.2 लाख लाइक्स,

  • और हजारों कमेंट्स आए।

कई लोगों ने लिखा —

“लांडे जी, अब जनता के लिए आपकी जरूरत राजनीति में है।”
“आप बिहार के ईमानदार चेहरे हैं — हम आपके साथ हैं।”


राजनीतिक दलों पर असर:

लांडे का दो सीटों से चुनाव लड़ना,

  • जमालपुर में जदयू और राजद,

  • और अररिया में कांग्रेस और AIMIM
    के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

विश्लेषकों का मानना है कि उनका जनाधार
युवाओं, महिलाओं और मध्यम वर्गीय मतदाताओं के बीच तेजी से बढ़ रहा है।


निष्कर्ष:

पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे का राजनीति में उतरना
बिहार के चुनावी परिदृश्य को नया मोड़ दे सकता है।
उनका दो सीटों से निर्दलीय लड़ना दर्शाता है कि
वह खुद को “जनता के उम्मीदवार” के रूप में पेश करना चाहते हैं,
ना कि किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि के रूप में।

अब बिहार की निगाहें इस बात पर हैं कि
क्या जनता का “सुपरकॉप” राजनीति में भी “सुपर लीडर” बन पाएगा?


संदर्भ स्रोत:

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