
कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकरण ने कोयले की बिक्री (वाणिज्यिक खनन) के लिए नीलामी के पहले हिस्से में 38 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया आरंभ की थी।
सीएम (एसपी) अधिनियम, 2015 के तहत नीलामी की 11वेंहिस्से के तहत पहले प्रयास में तथा एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत नीलामी के पहले हिस्से के तहत, 38 कोयला खानों में से 19 की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है।
शेष खदानों में से, 4 कोयला खदानों जिन्होंने पहले प्रयास में एकल बोली प्राप्त की थी, को उन्होंने नियमों तथा शर्तों, लेकिन नीलामी के पहले रद्द प्रयास में प्राप्त सर्वोच्च आरंभिक पेशकश को दूसरे प्रयास के लिए फ्लोर प्राइस के रूप में कोयला मंत्रालय द्वारा दूसरे प्रयास में पुनर्नीलामी के लिए रखा गया। नीलामी के दूसरे प्रयास के तहत इन 4 खदानों में से, एक खदान कुरलोई (ए) उत्तर को एक बोली प्राप्त हुई और अब इसकी सफलतापूर्वक नीलामी की गई है जिसमें वेदांता लिमिटेड सफल बोली लगाने वाली बनी है।
कुरलोई (ए) उत्तर कोल खदान की सफल नीलामी के साथ, वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी के पहले हिस्से में सफल नीलामी की गई खदानों की कुल संख्या पेशकश की गई कुल 38 कोयला खदानों में से 20 है जो पहलेहिस्से के लिए 52.63 प्रतिशत की सफलता है।
ओडिशा में स्थित कुरलोई (ए) उत्तर की 8 एमटीपीए की पीक रेटेड क्षमता है जो पहलेहिस्से में सफलतापूर्वक नीलामी की गई सभी खदानों की पीआरसी के लिहाज से सबसे बड़ी खदान है। कुरलोई (ए) उत्तर से सालाना 763 करोड़ रुपये का राजस्व सृजित होने तथा 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध होने की भी उम्मीद है।