पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति एक बार फिर यादव परिवार के बयान से गर्मा गई है।
जनशक्ति जनता दल (JJD) के सुप्रीमो और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने
एक इंटरव्यू के दौरान आरजेडी में वापसी की संभावना को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा —
“हमें मरना मंजूर है लेकिन RJD में वापस नहीं जाएंगे।”
इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है,
क्योंकि तेज प्रताप ने न सिर्फ RJD से अपनी दूरी दोहराई,
बल्कि छोटे भाई तेजस्वी यादव पर भी अप्रत्यक्ष हमला बोला।
“RJD में लौटने से बेहतर मरना मंजूर” — तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव ने कहा कि वे अब RJD में कभी वापसी नहीं करेंगे।
“मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिए आत्मसम्मान और सिद्धांत सबसे ऊपर हैं।
पार्टी छोड़ दी, लेकिन अपने आदर्श नहीं छोड़े।
मरना मंजूर है, लेकिन दोबारा RJD में नहीं जाऊंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “जनता की सेवा” ही उनकी असली राजनीति है।
“मेरे लिए जनता का भरोसा ही सबसे बड़ी पूंजी है।
मैं राजनीति में सेवा करने आया हूं, सत्ता पाने नहीं।”
छोटे भाई तेजस्वी पर भी साधा निशाना
महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर
तेज प्रताप यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा —
“सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वह मेरा छोटा भाई है, मैं उसे आशीर्वाद ही दे सकता हूं।
लेकिन राजनीति में घोषणा करने से कुछ नहीं होता, जनता का समर्थन होना चाहिए।”
तेज प्रताप ने यह भी जोड़ा कि —
“मैं सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता,
लेकिन सही समय पर जनता सब तय कर देती है।”
“माता-पिता का आशीर्वाद मेरे साथ है”
जब उनसे पूछा गया कि क्या अब भी उनकी राबड़ी देवी या लालू यादव से बातचीत होती है,
तो उन्होंने कहा —
“बात नहीं होती, लेकिन माता-पिता का आशीर्वाद मेरे साथ है।”
तेज प्रताप को बीते कुछ वर्षों पहले
परिवार और पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
उसके बाद से ही वे लगातार तेजस्वी यादव और आरजेडी नेतृत्व पर हमलावर बने हुए हैं।
महुआ विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव
तेज प्रताप यादव इस बार महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि महुआ की जनता उनके साथ है और
वे इस बार भारी अंतर से जीत हासिल करेंगे।
“मैं राजनीति में आने से पहले से ही महुआ की जनता से जुड़ा हूं।
वे मेरे परिवार की तरह हैं और मैं उनकी सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं।”
उन्होंने कहा कि
“जनशक्ति जनता दल” अब बिहार की राजनीति में
नई ऊर्जा और नए विज़न के साथ उभर रहा है।
तेजस्वी और तेज प्रताप में पुराना विवाद
लालू परिवार के दोनों बेटों — तेजस्वी और तेज प्रताप — के बीच
पिछले कई सालों से राजनीतिक मतभेद चल रहे हैं।
तेज प्रताप ने कई बार तेजस्वी पर “परिवार और पार्टी से दूरी बनाने” का आरोप लगाया है।
वहीं RJD के सूत्रों का कहना है कि
लालू यादव चाहते थे कि दोनों भाई एक साथ चुनाव लड़ें,
लेकिन तेज प्रताप की नई पार्टी बनने के बाद
दोनों के बीच की दूरी और बढ़ गई है।
राजनीतिक विश्लेषण: क्या है तेज प्रताप का उद्देश्य?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक,
तेज प्रताप यादव का यह बयान चुनावी रणनीति और भावनात्मक राजनीति का हिस्सा है।
वे अपने स्वाभिमान और संघर्षशील छवि को सामने रखकर
युवा और ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित करना चाहते हैं।
राजनीतिक टिप्पणीकार डॉ. अरविंद कुमार का कहना है —
“तेज प्रताप इस वक्त ‘Anti-RJD’ और ‘Self-Respect Politics’ का नैरेटिव गढ़ रहे हैं।
वे चाहते हैं कि जनता उन्हें एक ‘ईमानदार और सिद्धांतवादी’ नेता के रूप में देखे।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान
तेज प्रताप का “मरना मंजूर लेकिन RJD में नहीं जाएंगे” वाला बयान
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
X (Twitter) और Facebook पर
#TejPratapYadav, #BiharElection2025, और #RJD ट्रेंड करने लगे।
कई यूज़र्स ने कहा —
“तेज प्रताप की राजनीति भावनात्मक है, लेकिन इसमें सच्चाई झलकती है।”
जबकि कुछ ने लिखा —
“तेज प्रताप को समझना मुश्किल ही नहीं, असंभव है।”
महागठबंधन और NDA पर असर
तेज प्रताप का यह बयान
महागठबंधन (INDIA Alliance) के लिए
एक और सिरदर्द साबित हो सकता है।
वहीं एनडीए (NDA) खेमे के नेता
इस बयान को राजद के भीतर “अंतर्विरोध” के सबूत के रूप में पेश कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि
तेज प्रताप यादव का RJD से दूरी बनाना
तेजस्वी यादव की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है,
खासकर यादव और युवा वोट बैंक के बीच।
FAQs: तेज प्रताप यादव के बयान पर प्रमुख प्रश्न
Q1. तेज प्रताप यादव ने क्या कहा है?
👉 उन्होंने कहा कि “मरना मंजूर है लेकिन RJD में वापस नहीं जाएंगे।”
Q2. क्या तेज प्रताप RJD से अलग पार्टी चला रहे हैं?
👉 हाँ, उन्होंने “जनशक्ति जनता दल” नाम से नई पार्टी बनाई है।
Q3. वे किस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं?
👉 वे महुआ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
Q4. क्या उनकी लालू यादव और राबड़ी देवी से बात होती है?
👉 नहीं, लेकिन वे कहते हैं कि “माता-पिता का आशीर्वाद मेरे साथ है।”
Q5. क्या वे तेजस्वी यादव से नाराज हैं?
👉 हाँ, उन्होंने कहा कि सत्ता जनता के आशीर्वाद से मिलती है, न कि घोषणाओं से।
Q6. क्या इस बयान से RJD पर असर पड़ेगा?
👉 संभव है, क्योंकि इससे पार्टी में मतभेद की धारणा और मजबूत हो सकती है।
🗳️ निष्कर्ष
तेज प्रताप यादव का “मरना मंजूर लेकिन RJD में नहीं जायेंगे” बयान
बिहार की सियासत में एक नई दिशा देता दिख रहा है।
यह बयान न सिर्फ परिवारिक विवाद को फिर से उजागर करता है,
बल्कि 2025 के चुनाव में नई राजनीतिक ध्रुवीकरण की शुरुआत का संकेत भी है।
अब देखना यह है कि
क्या तेज प्रताप अपनी जनशक्ति जनता दल को
बिहार की सियासी जमीन पर स्थापित कर पाएंगे,
या यह बयान केवल एक भावनात्मक विरोध की पुकार बनकर रह जाएगा।
📎 संदर्भ:
Times Now Hindi – Bihar Election 2025 Coverage | ABP Bihar Politics



