
बिहार की राजनीति गरमा गई है। हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र के सेंदुआरी में आयोजित सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब धमकी और दहशत की राजनीति से नहीं डरती और राज्य में महागठबंधन की सरकार बनना तय है।
‘धमकी से नहीं डरेगा बिहार’
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में कहा कि अमित शाह बिहार में सिर्फ धमकी देने आए थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा:
“जब लालू यादव किसी से नहीं डरे, तो उनका बेटा भी डरने वाला नहीं है।”
तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार के लोग अब समझ चुके हैं कि कौन उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है और कौन सिर्फ चुनाव से पहले बरगलाने आता है।
‘अमित शाह बिहार चुना लगाने आए थे’
सभा में तेजस्वी ने अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा:
“अमित शाह बिहार में चुना लगाने आए थे, लेकिन बिहार की मिट्टी इतनी मजबूत है कि यहां का नौजवान किसी के बहकावे में नहीं आएगा।”
उन्होंने कहा कि लोगों को अब जुमलेबाज नेताओं की नहीं, बल्कि काम करने वालों की जरूरत है।
महागठबंधन के पक्ष में लहर का दावा
तेजस्वी ने सभा में मौजूद भीड़ से कहा कि बिहार में इस समय महागठबंधन के पक्ष में लहर है। उन्होंने वादा किया कि अगर जनता ने मौका दिया तो वे डिग्रीधारी बेरोजगार युवाओं को नौकरी देंगे और रोजगार का नया वातावरण तैयार करेंगे।
उन्होंने जोर देकर कहा:
“जिस तरह मेरे पिता लालू यादव ने कभी झुकना नहीं सीखा, उसी तरह मैं भी किसी सत्ता या पद के सामने नहीं झुकूंगा। हम संविधान, जनता और न्याय के साथ खड़े हैं।”
सभा में लगे नारे
सभा के दौरान माहौल काफी गर्म रहा। भीड़ ने ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ और ‘जय बिहार’ जैसे नारे लगाए।
तेजस्वी ने जनता से अपील की कि वे लालटेन पर वोट डालकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करें। उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ जुमलेबाजी करती है, जबकि महागठबंधन रोजगार और विकास की गारंटी देता है।
अधिकार यात्रा का समापन
वैशाली में हुई इस सभा के साथ ही तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा का समापन हुआ। इसके बाद वे पटना के लिए रवाना हुए।
इससे पहले उन्होंने पातेपुर के बरडीहा और महुआ के गांधी मैदान में भी जनसभाएं कीं।
तेजस्वी ने साफ कर दिया कि उनकी यात्रा अब जन आंदोलन का रूप ले चुकी है और इसका अगला पड़ाव सत्ता परिवर्तन होगा।
निष्कर्ष
हाजीपुर की सभा में तेजस्वी यादव का बयान साफ करता है कि वे बिहार चुनाव में बीजेपी और अमित शाह के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। तेजस्वी का अमित शाह पर हमला केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि महागठबंधन की चुनावी तैयारी का ऐलान भी माना जा रहा है।