
पटना/मोकामा: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। बुधवार को RJD नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोकामा में रोड शो किया, जहां उन्होंने चुनावी रथ छोड़कर घोड़े की सवारी कर सभी का ध्यान खींचा। इसे सीधे-सीधे अनंत सिंह के हालिया ऐलान का जवाब माना जा रहा है।
अनंत सिंह का दावा
हाल ही में NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन में मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह ने दावा किया था कि इस बार मोकामा की जनता विपक्ष की जमानत जब्त कर देगी। उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत बताते हुए कहा कि उनकी जीत तय है।
तेजस्वी का पलटवार – घोड़े पर सवार होकर रोड शो
अनंत सिंह के गढ़ मोकामा में जब तेजस्वी यादव पहुंचे तो उन्होंने रथ की बजाय घोड़े पर सवारी की। भीड़ के बीच उनका यह अंदाज चर्चा का विषय बना। जानकारों के अनुसार यह कदम स्पष्ट राजनीतिक संदेश है कि RJD मोकामा में सीधे मैदान में चुनौती देने उतरी है।
“बिहार की जनता जाग चुकी है। अब पूरे प्रदेश में महागठबंधन की जीत होगी। मोकामा की जनता भी बदलाव चाहती है।”
– तेजस्वी यादव, RJD नेता
मोकामा सीट पर उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस
तेजस्वी यादव की घोड़े की सवारी ने माहौल गर्मा दिया है, लेकिन असली सस्पेंस अभी भी मोकामा सीट पर उम्मीदवार के नाम को लेकर है। सूत्रों के अनुसार, इस सीट पर रालोजपा नेता सूरजभान सिंह का नाम सबसे आगे है।
हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि RJD किसी और प्रभावशाली चेहरे को मैदान में उतार सकती है। चर्चाओं में ललन सिंह (पूर्व में BJP से जुड़े रहे बाहुबली नेता) और कार्तिक मास्टर का नाम भी शामिल है।
सियासी मायने
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तेजस्वी का घोड़े पर सवार होना सिर्फ सांस्कृतिक प्रतीक नहीं, बल्कि अनंत सिंह को सीधी चुनौती है।
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मोकामा की सीट अब सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर महागठबंधन और NDA की प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।
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उम्मीदवार का चयन इस बार चुनावी समीकरण तय करेगा।