
अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के पुलिस द्वारा किये गए हत्या के चलते बढ़ा प्रदर्शनकारियों का गुस्सा
एक अश्वेत के मौत से शुक्रवार को अमेरिका के दर्जनों शहर में अशांति के माहौल पैदा हो जाने के बाद अमेरिकी रक्षा विभाग ने बहुत ही दुर्लभ कदम उठाया, जिसके बाद रक्षा विभाग ने सेना के एक्टिव टुकड़ी को मिनियापोलिस जाने के लिए तैयार रहने को कहा है, जहाँ अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के द्वारा हत्या हुई थी।
"I want to express our Nation's deepest condolences and most heartfelt sympathies to the family of George Floyd." pic.twitter.com/eGRIJCiHUa
— The White House (@WhiteHouse) May 29, 2020
अमेरिका में फैले विरोध प्रदर्शन के दौरान जब डेट्रॉइट शहर में एक आदमी की गोली लगने से मौत हो गयी, अटलांटा में पुलिस की गाड़ियों को प्रदर्शनकारियों द्वारा तहस नहस कर दिया गया और न्यूयोर्क सिटी में पुलिस के साथ लोगो की झड़प हो गयी तब जाके अमेरिकी रक्षा विभाग ने ये दुर्लभ कदम उठाया।
Protests flared late into the night in many U.S. cities over the killing of George Floyd, a black man who died after being pinned down on his neck by a white police officer in Minneapolis https://t.co/PhsXaaFBgx pic.twitter.com/ehcySGCJwf
— Reuters (@Reuters) May 30, 2020
तीन लोगों के अनुसार, जो इस आर्डर को सीधे तरीके से जानते है उन्होंने अपने पहचान छुपाये जाने के शर्त पर बताया की नार्थ कैरोलिना में फोर्ट ब्रैग से और नई यॉर्क में फोर्ट ड्रम से सैनिकों को आदेश मिलते ही चार घंटे के अंदर तैनात होने को कहा गया है।
तैयार रहने के आदेश को मौखिक रूप में तब दिया गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने रक्षा सचिव मार्क इसपर से मिनियापोलिस में फैले अशांति को शांत करने के लिए से सैन्य विकल्प के बारे में बात की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक रात पहले इस योजना पर के विचार-विमर्श करने के लिए फ़ोन कॉल पर रक्षा सचिव मार्क इसपर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रोबर्ट ओ ब्रियन और कई लोगो से बात की जिसके बाद इस योजना को सफलता में लाया गया। एक वरिष्ट पुलिस अधिकारी जो ट्रम्प के साथ कॉल पर थे, ने बताया की ट्रम्प ने इस विकल्प पे विचार करने को तब कहा, जब मिनीयपोलिस में विरोध प्रदर्शन थमने का नाम न ले।
अमेरिका के इन्सुररेक्शन एक्ट 1807 तहत कारवाई
अधिकारी ने बताया की सैन्य बल अमेरिका के इन्सुररेक्शन एक्ट 1807 के अनुसार लगेगी, जिसका अंतिम बार इस्तेमाल 1992 में किया गया था जब लॉस एंजेलेस में रॉडनी किंग के ट्रायल के विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़के थे।
अमेरिका के विभिन्न राज्यों में चल रहे विरोध प्रदर्शन का कारण अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत है। उनकी मौत तब हुई थी जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए गयी थी और एक पुलिस अफसर ने उनके गर्दन को पीछे से ज़मीन पर अपने घुटनों से दबाया था जिससे उनकी सांस रुक गयी थी और उनकी मौत हो गयी थी। इस मौत के बाद लोगो का गुस्सा भड़क गया जो पहले से दबा हुआ था क्यूंकि अमेरिका में अफ्रीकन-अमेरिकन लोगो के खिलाफ ऐसे कई मामले पिछले कुछ दिनों में सामने आये है जिसमे पुलिस ने अश्वेत लोगों के साथ भेदभाव किया है।
सर्जेंट निकोले किर्कवुड का बयान
सर्जेंट निकोले किर्कवुड ने बताया की डेट्रॉइट ग्रीकटाउन के जिले में जब पुलिस का सामना विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों से हुआ, तब झड़प के दौरान लगभग रात के 11:30 बजे, एक 19 साल के लड़के की गोली लगने से मौत हो गयी। उन्होंने बताया की शूटिंग में किसी पुलिस अफसर का हाथ नहीं था।
Derek Chauvin, the white police officer seen kneeling on the neck of George Floyd, has been charged with third-degree murder and manslaughter https://t.co/Il3weZmkmY pic.twitter.com/U2fiMAw7xK
— Reuters (@Reuters) May 30, 2020
जब उस लड़के को जिसे गोली लगी थी, को अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। किर्कवुड ने बताया की संदिग्ध ने भीड़ में गोलियां चलायी थी।
वाइट हाउस को किया गया लॉक डाउन
यू एस ए टुडे के अनुसार दूसरी ओर वाशिगंटन में वाइट हाउस को कुछ देर के लिए लॉक डाउन कर दिया गया था क्यूंकि आक्रोशित प्रदर्शनकारियों का जत्था पेन्सिल्वेनिआ एवेंन्यू पहुंच गया था जिसके बाद ये फैसला लिया गया।
अखबार के अनुसार कई सारे पत्रकार लॉक डाउन के दौरान वाइट हाउस के अंदर ही थे जिन्हे ख़ुफ़िया विभाग के लोग लॉक डाउन के दौरान बाहर नहीं आने दे रहे थे।
ख़ुफ़िया विभाग ने सिक्योरिटी के मद्देनज़र वाइट हाउस को तुरंत लॉक डाउन कर दिया जो आमतौर पर कभी नहीं होता है।
मिनियापोलिस में जिस पुलिस अफसर के द्वारा अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हुई थी, उसके अरेस्ट होने के बाद प्रशासन ने पूरी रात कर्फ्यू की घोषणा कर दी ये सोचते हुए की कहीं शुक्रवार को फिर से प्रदर्शन शुरू न हो जाए।
प्रदर्शनकारियों के द्वारा किया गया हंगामा
लोकल ट्रिब्यून के अनुसार कर्फ्यू लगने के बावजूद मिनियापोलिस और संत पॉल शहर में कई सौ लोग रात 8 बजे के बाद अपने घर जाने से इंकार कर दिया और विरोध प्रदर्शन जारी रखा जिसके दौरान कई दुकानों में लूटपाट की घटना सामने आयी और कई कारों में आगजनी भी हुई। न्यूयोर्क टाइम्स के अनुसार कई लोगों को नियम उलंघन करने के जुर्म में गिरफ्तार भी किया गया।
अखबार ने बतया की मिनियापोलिस में प्रदर्शनकारियों में से कई लोगों ने बहुत तबाही मचाई, लूटपाट, आगज़नी और सार्वजनिक स्थानों को भी नुक्सान पहुंचाया। कई लोगों ने पुलिस के तरफ गोली भी चलायी। मध्य रात्रि होते होते प्रशाशन भी ना के बराबर दिखने लगी लेकिन तब पुलिस अफसरों का जत्था और राष्ट्रीय सुरक्षा बल डिस्टर्ब इलाकों में फ़ैल गए और प्रदर्शनकारियों करवाया।
CNN न्यूज़ चैनल के हेडक्वार्टर में भी तोड़फोड़
पूरे अमेरिका में लगभग शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए लेकिन एटलांटा शहर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए और कई गाड़ियों में आग लगा दी और CNN न्यूज़ चैनल के हेडक्वार्टर के दरवाज़े को तोड़ दिया। एक प्रदर्शनकारी CNN न्यूज़ चैनल के बने साइन पर चढ़ गया और एक नारा लहराया जिसपे लिखा है ‘अश्वेतों की ज़िन्दगी भी मायने रखती है’। एक प्रदर्शनकारी ने चिल्ला कर कहा, ‘अपनी जॉब छोड़ दो’।
The front of CNN Center in Atlanta was the scene of violent protests on Friday evening that resulted in damage to the front of the building and inside https://t.co/Uz5PsPdoND pic.twitter.com/TsIsu9LCbn
— CNN (@CNN) May 30, 2020
एटलांटा के मेयर का बयान
इन सब प्रदर्शन के बाद एटलांटा की मेयर केइशा लांस बॉटम्स ने प्रदर्शनकारियों से अपने अपने घर जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “ये कोई प्रदर्शन नहीं है। ये मार्टिन लूथर किंग के भावनाओं से मेल नहीं खाता। ये बस एक अराजकता है। किसी भी प्रदर्शन का एक उद्देश्य होता है। हमने शहर की ये हालत नहीं की थी जब मार्टिन लूथर किंग की मृत्यु हुई थी।”
न्यूयोर्क सिटी के मेयर का बयान
नई यॉर्क सिटी के मेयर बिल दे ब्लासिओ ने बतया की नई यॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट को प्रदर्शन कार्यों के साथ इज़्ज़त से पेश आने को कहा गया है।
मेयर ने अपने बयान में सन्देश देते हुए प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया, “अगर आप सरकार से गुस्सा है या चुने हुए नेता से गुस्सा है या तो आप अपना गुस्सा हमारे तरफ दिखाईये लेकिन जो पुलिसवालों को आप सब निशाना बना रहे है वो आपकी और हमारी तरह इंसान है जो अपनी ड्यूटी निभा रहे है।”