
सर्जियो गोर को मिली नई जिम्मेदारी — भारत में होंगे अमेरिका के नए राजदूत, सीनेट ने दी मंजूरी
रिपोर्टर: सीमांच लाइव अंतरराष्ट्रीय डेस्क
स्थान: वाशिंगटन / न्यूयॉर्क / नई दिल्ली
तारीख: 8 अक्टूबर
घटना का सारांश:
अमेरिका ने भारत में अपने नए राजदूत के रूप में सर्जियो गोर (Sergio Gor) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
मंगलवार को अमेरिकी सीनेट (US Senate) में मतदान हुआ, जिसमें 51 सीनेटर ने समर्थन में और 47 ने विरोध में वोट दिया।
यह पुष्टि उस समय हुई जब अमेरिका में सरकारी शटडाउन की स्थिति बनी हुई है — इसके बावजूद गोर का नाम तेज़ी से अनुमोदित किया गया।
कौन हैं सर्जियो गोर?
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उम्र: 38 वर्ष
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पद: अमेरिका के अगले राजदूत (Ambassador to India)
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पार्टी संबद्धता: रिपब्लिकन
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निकट सहयोगी: डोनाल्ड ट्रंप
गोर अमेरिकी राजनीति में एक प्रमुख युवा रणनीतिकार और नीति सलाहकार माने जाते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अगस्त 2025 में भारत में राजदूत के रूप में नामित किया था।
ट्रंप ने क्या कहा:
डोनाल्ड ट्रंप ने गोर को “महान मित्र और भरोसेमंद सहयोगी” बताया।
“भारत जैसी महत्वपूर्ण साझेदारी के लिए हमें ऐसा व्यक्ति चाहिए जो हमारे एजेंडे को आगे बढ़ा सके।
सर्जियो एक अद्भुत राजदूत साबित होंगे।”
— डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति
भारत-अमेरिका संबंधों पर गोर का बयान:
सीनेट की विदेश संबंध समिति में सुनवाई के दौरान सर्जियो गोर ने कहा कि भारत, अमेरिका का
“रणनीतिक साझेदार (Strategic Partner) और वैश्विक स्थिरता का स्तंभ”
है।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच —
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व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना,
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तकनीकी सहयोग बढ़ाना,
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और चीन के आर्थिक प्रभाव को संतुलित करना होगा।
“भारत-अमेरिका व्यापार में सुधार से न केवल अमेरिकी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि यह एशिया में संतुलन भी स्थापित करेगा।”
— सर्जियो गोर
सीनेट में हुआ मतदान:
गोर के नाम पर सीनेट में मतदान इस प्रकार हुआ —
श्रेणी | मतों की संख्या |
---|---|
समर्थन में | 51 |
विरोध में | 47 |
यह निर्णय अमेरिकी राजनीति में तीव्र ध्रुवीकरण (Polarization) के बावजूद लिया गया, जो भारत-अमेरिका संबंधों के महत्व को दर्शाता है।
अन्य नियुक्तियाँ भी हुईं:
गोर के साथ सीनेट ने कुल 107 नामित व्यक्तियों की पुष्टि की, जिनमें शामिल हैं —
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पॉल कपूर: दक्षिण एशियाई मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री
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अंजनि सिन्हा: सिंगापुर गणराज्य में अमेरिकी राजदूत
यह नियुक्तियाँ ट्रंप प्रशासन के तहत एशिया केंद्रित विदेश नीति के पुनर्गठन की दिशा में मानी जा रही हैं।
भारत की प्रतिक्रिया:
भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में गोर के नामांकन का भारतीय विदेश मंत्रालय और अमेरिकी दूतावास दोनों ने स्वागत किया।
भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने कहा —
“यह नियुक्ति भारत-अमेरिका के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सर्जियो गोर ट्रंप के विश्वसनीय सहयोगी हैं और हम उनके साथ साझेदारी को और सशक्त करने के लिए उत्सुक हैं।”
भारत-अमेरिका संबंधों का महत्व:
भारत और अमेरिका के बीच हाल के वर्षों में —
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रक्षा, व्यापार, तकनीक, और शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
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2024 में दोनों देशों के बीच 240 अरब डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।
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अमेरिका अब भारत का सबसे बड़ा निवेशक और साझेदार देश बन गया है।
राजनयिक विशेषज्ञों के अनुसार, गोर की नियुक्ति से दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक संवाद और गहरा होगा।
विश्लेषण: रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम नियुक्ति
सर्जियो गोर की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब
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चीन-भारत सीमा तनाव,
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दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति,
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और इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी उपस्थिति
अंतरराष्ट्रीय एजेंडा के केंद्र में हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, गोर की भूमिका भारत-अमेरिका संबंधों को “राजनीतिक मित्रता” से आगे “साझी रणनीति” में बदलने में अहम हो सकती है।
निष्कर्ष:
सर्जियो गोर की भारत में राजदूत के रूप में नियुक्ति अमेरिका की ओर से एक स्पष्ट संदेश है —
कि भारत न केवल एक साझेदार है, बल्कि अमेरिका की वैश्विक नीति का रणनीतिक केंद्र भी है।
दोनों देशों के बीच संबंध आने वाले वर्षों में व्यापार, रक्षा और तकनीक के नए आयाम तय करेंगे।
संदर्भ स्रोत:
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[PTI / भाषा रिपोर्ट – वाशिंगटन, 8 अक्टूबर]
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[US Senate Records, Oct 2025]