Home खास खबर ‘बारा नरसंहार’ में 35 लोगों के कत्लेआम से बिहार ही नहीं पूरा देश कांपा था, 33वीं बरसी पर परिजनों की आंखें हुईं नम – BARA MASSACRE

‘बारा नरसंहार’ में 35 लोगों के कत्लेआम से बिहार ही नहीं पूरा देश कांपा था, 33वीं बरसी पर परिजनों की आंखें हुईं नम – BARA MASSACRE

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‘बारा नरसंहार’ में 35 लोगों के कत्लेआम से बिहार ही नहीं पूरा देश कांपा था, 33वीं बरसी पर परिजनों की आंखें हुईं नम – BARA MASSACRE

गया के बारा नरसंहार में 35 लोगों की हत्या कर दी गई थी. जिसकी 33वीं बरसी पर परिजनों ने आत्मा शांति के लिए हवन किया.

गया: बिहार में 1990 के दशक में नरसंहारों का दौर चल रहा था. इंसान-इंसान के दुश्मन बने हुए थे. उस दौरान गया के टिकारी में बारा नरसंहार हुआ था. साल 1992 की 12 फरवरी की रात को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने एक जाति विशेष के 35 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी, तब बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश कांप उठा था.

बारा नरसंहार की 33वीं बरसी: बारा में हुए नरसंहार को 33 साल बीत गए हैं लेकिन इसे याद कर आज भी लोग सहम जाते हैं. बारा नरसंहार क्रूर और कंपा देने वाली घटना थी. एक जाति विशेष को चुन-चुन कर इकट्ठा किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई थी. इस घटना की निंदा पूरे देश में हुई थी. बारा नरसंहार में 35 लोगों की हत्या दिल दहला देने वाली थी.

बारा नरसंहार एक जाति आधारित 

33वीं बरसी पर आत्म शांति के लिए पूजा: वहीं 33 वीं बरसी पर बारा गांव में मृत सभी 35 लोगों की आत्म शांति के लिए पूजा अर्चना और हवन किया गया. दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. आज भी बारा के लोग इस घटना को याद कर सहम जाते हैं. वहीं यहां बने शहीद स्मारक पर भावुक खोकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. यह मनहूस तारीख बारा गांव के लोगों के जीवन में काली रात की तरह अमिट छाप बन गई है.

गया में सबसे बड़े नरसंहार की 33वीं बरसी 

आज भी सिहर उठते है लोग: बारा के सत्येंद्र शर्मा बताते हैं कि बारा नरसंहार को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं. यह वही काली रात थी, जिसमें नरसंहार में 35 लोगों की हत्या कर दी गई थी. उनके नाम पर बारा गांव में शहीद स्मारक है. शहीद स्मारक पर बुधवार को पूजा अर्चना और हवन किया गया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई.

“बारा नरसंहार में मारे गए लोगों को शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गई है. यहां के लोग आज भी उस घटना याद कर सिहर उठते हैं. उस एक रात में 35 लोगों की हत्या कर दी गई थी.”– सत्येंद्र शर्मा, ग्रामीण

Bara Massacre

35 लोगों की कर दी गई थी हत्या 

टाडा कोर्ट में हुई बारा नरसंहार की सुनवाई: वहीं टाडा कोर्ट में बारा नरसंहार घटना की सुनवाई हुई. 10 सालों से ज्यादा समय तक टाडा कोर्ट की विशेष अदालत में इसका ट्रायल चला. बारा नरसंहार की प्राथमिकी सत्येंद्र शर्मा के द्वारा दर्ज कराई गई थी. प्राथमिकी में दर्जनों नामजद और सैंकड़ों अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया गया था. जानकारी के अनुसार इस नरसंहार के मामले में किरानी यादव को आजीवन कारावास की सजा हुई. इसके अलावा अन्य अभियुक्तों को भी सजा हुई.

 

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