
बिना सरकारी मदद, बिना थके… गया के दिलीप कुमार सिकंदर ने अकेले बदल दी ब्रह्मयोनि पहाड़ की तस्वीर
गया, बिहार |
“पेड़ काटते हैं तो ऐसा लगता है जैसे मेरा सिर काट दिया हो…”
यह शब्द हैं गया के ‘ग्रीन मैन’ दिलीप कुमार सिकंदर के, जिन्होंने बीते 44 सालों में 1 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं। बिना किसी सरकारी मदद के, इस जुनूनी पर्यावरण प्रेमी ने ब्रह्मयोनि पहाड़ को वीराने से हरियाली की गोद में बदल दिया है।
बिना वेतन, बिना सुविधा — सिर्फ पेड़ों का प्यार
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1982 में एक वीरान पहाड़ देखा, तभी से लिया संकल्प
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हर दिन पौधा लगाते हैं और पुराने पौधों की देखभाल भी करते हैं
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कहते हैं: “पेड़ मेरे बच्चे हैं, इन्हें भूखा-प्यासा नहीं देख सकता”
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कभी सुबह 4 बजे, तो कभी रात में भी निकल पड़ते हैं पेड़ों की देखभाल को
बदल दिया गया का भूगोल
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ब्रह्मयोनि पर्वत, रामसागर तालाब जैसे स्थानों को किया हरा-भरा
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जंगली जानवर और पक्षी अब वहां लौटने लगे हैं
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शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर पौधे लगाकर बना चुके हैं एक यादगार गार्डन
बिजली मिस्त्री का काम छोड़ा, ताकि पेड़ों की सेवा कर सकें
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एक समय इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रीशियन की नौकरी थी
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पेड़ों के कारण समय पर नहीं पहुंच पाए, तो नौकरी छोड़ दी
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आज मजदूरी से जो कमाते हैं, उसका 50% पेड़ों पर खर्च करते हैं
सरकार ने सराहा, लेकिन आर्थिक मदद नहीं
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उपमुख्यमंत्री और मंत्री आ चुके हैं कार्य देखने
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एक बार श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में मिला प्रशस्ति पत्र, लेकिन ना स्थायी मदद, ना कोई बड़ा सम्मान