
हाईस्कूलों में लगेंगे रेन वाटर हार्वेस्िंटग सिस्टम
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए जल संरक्षण की विभागीय कवायद शुरू हो गई है। जल जीवन हरियाली योजना के तहत पहले चरण में जिले के सभी हाई और प्लस टू स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
इसको सतह पर उतारने के लिए डीईओ योगेश मिश्र ने सभी एचएम को पत्र लिखकर इसका निर्माण कराने का निर्देश दिया हैै। साथ ही कहा है कि इस पर विद्यालय प्रबंध समिति के द्वारा विद्यालय कोष से 73 हजार रुपैया खर्च किया जाएगा। इसके मॉनिटरिंग के लिए एसएसए के सभी जेई और एसडीओ को भी लगाया गया है।
जल संचयन संरचना के तहत बारिश के जल को हार्वेस्टिंग सिस्टम से भूगर्भ में रीचार्ज किया जाएगा, ताकि ग्रामीण इलाकों में स्थित हाई और प्लस टू स्कूलों में गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत नहीं हो। जिले में मई और जून महीने में भूगर्भीय जल का स्तर काफी नीचे चला जाता है। जलस्तर 30 से 40 फीट तक नीचे जाने के कारण अधिकांश चापाकल सूख जाते हैं। स्कूलों के चापाकल सूख जाने से बच्चों को पीने के पानी के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ती है। रेन वाटर हार्वेंस्टिंग सिस्टम ऐसे स्कूलों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
क्या है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम : रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत मकानों की छत पर गिरने वाले पानी का संग्रह कर भूगर्भ तक पहुंचाया जाता हैै। इससे वर्षा जल की बर्बादी को रोका जा सकता है। वहीं, इसके माध्यम से भूगर्भ जल के स्तर को नीचे जाने से रोका जा सकेगा। हाई स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लाने से बच्चे जल संरक्षण के प्रति जागरुक होंगे और वर्षा जल का संरक्षण भी होगा।
Source-HINDUSTAN