रेलवे के निजीकरण के विरोध में सड़क पर कर्मी
एनएफ रेलवे रेलवे इंप्लाइज यूनियन के तत्वाधान में वर्तमान केंद्र सरकार एवं रेल प्रशासन द्वारा रेल कर्मचारियों एवं नवयुवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाकर विरोध में मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला।
कैंडल मार्च यूनियन कार्यालय से निकलकर रेलवे कालोनियों, जीआरपीचौक से होते हुए रेलवे स्टेशर परिसर में सभा में बदल गया। अध्यक्षता इप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष मनीष कमार ने की। यूनियन के मंडल सचिव रूपेश कुमार ने बताया कि वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा रेल में निजीकरण को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। 150 निजी ट्रेन चलाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे न केवल रेल कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है बल्कि नवयुवकों का भविष्य भी अंधेरे में है।
इस कदम से बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण के विरुद्ध पूरे पूर्वोत्तर सीमांत रेल क्षेत्र में यूनियन द्वारा विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को लागू कर रेलवे कर्मचरियों को पेंशन से वंचित करने की योजना रेलवे ने बनाई है। यह रेलवे कर्मचारियों के हित में नहीं है। रेलवे कर्मचारियों का रेलवे आवास दिन प्रतिदिन आवास सुविधा विहिन हो रही है। सुविधा विहिन वातावरण में परिवार को रखने में रेलवे कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है। अधिकारियों का कार्य स्थल सभी सुविधाओं से लैस है लेकिन कर्मचारियों का कार्यस्थलों पर मौलिक सुविधा भी प्रदान नहीं किया जा रहा है। इन लोगों ने किया विरोध: मार्च के क्रम में रेलकर्मियों ने रेलवे विरोधी नीतियों का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। मौके पर रजनीश कुमार, कतील अहमद, इंदल रॉय, दिनेश कुमार पासवान, कामेश्वर सिंह, धमेंद्र कुमार, रितेश ठाकुर, राकेश कुमार, मोहन लाल गुप्ता, नितेश सिंह, सौरव, जय भट्टाचार्य, फिरोज, प्रवीण, नसिम, राणा, मनोज कुमार, मृत्युंजय, नवीन, संतराज, जितेंद्र जायसवाल, मंतोष कुमार, बीके सिंह, अनुरंजन आदि दर्जनों रेल कर्मी मौजूद थे।
स्रोत-हिन्दुस्तान