पहाड़कट्टा: पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान महाविद्यालय अर्राबाड़ी में मंगलवार को एंटी-रैगिंग कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. चंद्रहास ने की।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी आदित्य कुमार सिंह और मत्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी.पी. सैनी मौजूद रहे।
रैगिंग मानसिक रूप से प्रभावित करती है
मुख्य अतिथि आदित्य कुमार सिंह ने कहा कि “रैगिंग सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी हर व्यक्ति को प्रभावित करती है।” उन्होंने छात्रों को जागरूक करते हुए सरल भाषा में रैगिंग के दुष्प्रभाव बताए और छात्रों से एक-दूसरे के सहयोगी एवं मित्र बनने की अपील की।
छात्रों को मानसिक दृढ़ता पर मार्गदर्शन
कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंबिका वॉरियर (रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट) ने वेबीनार के माध्यम से छात्रों को तनाव और दबाव की स्थिति में खुद को संतुलित रखने, मानसिक दृढ़ता विकसित करने और रैगिंग से दूर रहने की सीख दी।
सप्ताहभर चला एंटी-रैगिंग अभियान
डॉ. विनोद कुमार (मुख्य छात्रावास अधीक्षक व संयोजक) ने बताया कि 12 से 18 अगस्त तक एंटी-रैगिंग सप्ताह मनाया गया। इस दौरान कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह के मार्गदर्शन और छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा के निर्देशन में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
इस सप्ताह के दौरान छात्रों के लिए चित्रकला, लघु फिल्म/वृत्तचित्र, लोगो डिजाइनिंग, निबंध, स्किट और स्लोगन प्रतियोगिताएं कराई गईं।
समापन समारोह
समापन अवसर पर मुख्य अतिथि ने प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर उत्साहवर्धन किया।
अधिष्ठाता डॉ. चंद्रहास ने सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति के सदस्यों डॉ. कोमल, डॉ. मुकेश गंगवार, डॉ. शिववरण सिंह और सभी छात्रों को बधाई दी।



