Home किशनगंज AIMIM प्रत्याशी के नामांकन में बिरयानी के लिए मची लूट, खाने के लिए टूट पड़ी भीड़

AIMIM प्रत्याशी के नामांकन में बिरयानी के लिए मची लूट, खाने के लिए टूट पड़ी भीड़

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किशनगंज:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन दौर के बीच किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से एक अनोखी और चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है।
AIMIM प्रत्याशी तौसीफ आलम के कार्यक्रम में बिरयानी के लिए मची लूट ने चुनावी माहौल को हिला दिया।
खाने के लिए जुटी भीड़ इतनी बेकाबू हुई कि धक्का-मुक्की और अफरातफरी मच गई।


नामांकन से पहले ‘दुआ कार्यक्रम’ में हंगामा

पूर्व विधायक और AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम ने गुरुवार (16 अक्टूबर) को नामांकन से पहले अपने क्षेत्र में एक दुआ कार्यक्रम (फातिहा खानी) का आयोजन किया था।
इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे।
लोगों के स्वागत के लिए बिरयानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन भीड़ इतनी बढ़ गई कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।


बिरयानी के लिए धक्का-मुक्की – वीडियो हुआ वायरल

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने बताया कि जैसे ही बिरयानी के पैकेट बांटने शुरू हुए,
लोग खाने के लिए टूट पड़े।
कुछ मिनटों में ही पूरा माहौल अराजकता में बदल गया
कई लोगों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई की नौबत आ गई।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि —
लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे हैं,
प्लेट्स छीन रहे हैं, और कुछ लोग जमीन पर गिरी बिरयानी उठा रहे हैं।


चुनाव आयोग की आचार संहिता के बीच सवाल उठे

बिहार में इस वक्त आदर्श आचार संहिता लागू है।
ऐसे में किसी भी प्रत्याशी द्वारा खाने या अन्य वस्तुओं का वितरण आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि —
“क्या यह मतदाताओं को लुभाने की कोशिश नहीं है?”


AIMIM प्रत्याशी तौसीफ आलम का बयान

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम ने सफाई दी।
उन्होंने कहा —

“जो भीड़ थी वो मुझसे प्रेम करने वाले लोगों की थी।
हमने फातिहा खानी की व्यवस्था की थी, जिसमें बिरयानी बनाया गया था।
यह कोई राजनीतिक भोज नहीं था, बल्कि धार्मिक आयोजन था।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी ने अव्यवस्था फैलाई है,
तो चुनाव आयोग जांच करे, लेकिन किसी तरह का प्रलोभन देने का प्रयास नहीं हुआ।


चुनाव आयोग कर सकता है जांच

जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद संज्ञान लिया है।
प्राथमिक जांच के बाद यह तय किया जाएगा कि यह कार्यक्रम
धार्मिक आयोजन था या आचार संहिता का उल्लंघन
सूत्रों के मुताबिक, अगर यह चुनावी प्रचार से जुड़ा कार्यक्रम पाया गया,
तो तौसीफ आलम के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।


AIMIM की रणनीति और गठबंधन

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन)
ने आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) और अपनी जनता पार्टी के साथ मिलकर
ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) का गठन किया है।

इस गठबंधन ने पहली सूची में 32 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है।
किशनगंज, सिवान, अररिया और कटिहार जैसे जिलों में AIMIM की अच्छी पकड़ मानी जाती है।


बहादुरगंज सीट पर मुकाबला रोचक

बहादुरगंज विधानसभा सीट से तौसीफ आलम पहले भी विधायक रह चुके हैं।
इस बार वे फिर से मैदान में हैं, लेकिन अबकी बार तीन-तरफा मुकाबला देखने को मिल सकता है —
AIMIM, RJD और NDA उम्मीदवारों के बीच।
यह सीट सीमांचल की राजनीति में AIMIM के लिए प्रतिष्ठा की मानी जा रही है।


सोशल मीडिया पर ‘बिरयानी पॉलिटिक्स’ ट्रेंड

इस घटना के बाद ट्विटर (X) और फेसबुक पर
#BiryaniPolitics और #TausifAlam ट्रेंड करने लगे।
लोगों ने मज़ाकिया लहजे में लिखा —

“बिहार चुनाव में अब वोट नहीं, बिरयानी बंट रही है।”
वहीं कुछ लोगों ने कहा कि “गरीब जनता के लिए एक प्लेट बिरयानी भी राजनीति का हथियार बन गई।”


स्थानीय प्रशासन ने की अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि
चुनावी माहौल में अफवाहों पर ध्यान न दें और
धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक रंग देने से बचें।
पुलिस ने भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।


निष्कर्ष

किशनगंज का यह “बिरयानी वाला नामांकन
बिहार चुनाव 2025 की सबसे चर्चा में रहने वाली घटनाओं में से एक बन गया है।
जहां राजनीतिक प्रतिस्पर्धा पहले विचारों पर होती थी,
अब ‘बिरयानी बनाम वोट’ की बहस सोशल मीडिया से लेकर
टीवी चैनलों तक पहुंच गई है।

अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस घटना को
धार्मिक आयोजन मानता है या आचार संहिता का उल्लंघन।


FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम कौन हैं?
👉 बहादुरगंज विधानसभा से पूर्व विधायक और AIMIM के उम्मीदवार हैं।

Q2. कार्यक्रम में क्या हुआ?
👉 बिरयानी वितरण के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और धक्का-मुक्की मच गई।

Q3. क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन है?
👉 अगर यह चुनावी कार्यक्रम माना गया, तो हाँ — निर्वाचन आयोग कार्रवाई कर सकता है।

Q4. तौसीफ आलम ने क्या कहा?
👉 “यह फातिहा खानी का धार्मिक आयोजन था, कोई राजनीतिक भोज नहीं।”

Q5. AIMIM किन दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है?
👉 AIMIM ने आज़ाद समाज पार्टी और अपनी जनता पार्टी के साथ मिलकर ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) बनाया है।


🔗 स्रोत:
Election Commission of India – Bihar Assembly Elections 2025

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