Bihar Election 2025: ओवैसी ने बहादुरगंज में चुनावी सभा में भरी हुंकार, तौसीफ आलम के समर्थन में की वोट की अपील
किशनगंज, 2 नवंबर (भाषा):
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने एक ओर जहां राजद, कांग्रेस, भाजपा और जदयू पर तीखे प्रहार किए, वहीं दूसरी ओर अपने उम्मीदवार तौसीफ आलम के पक्ष में वोट देने की जोरदार अपील की।
सभा स्थल पर हजारों की भीड़ उमड़ी, जहां ओवैसी के भाषणों पर लोगों ने “ओवैसी जिंदाबाद” और “AIMIM मुबारक” के नारे लगाए।
1. सीमांचल के पिछड़ेपन पर ओवैसी का हमला
ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि सीमांचल का पिछड़ापन केवल किसी एक पार्टी की नाकामी नहीं है।
उन्होंने कहा,
“सीमांचल की गरीबी और बदहाली के लिए जितने जिम्मेदार नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी हैं, उतने ही जिम्मेदार तेजस्वी यादव और राहुल गांधी भी हैं।”
उन्होंने कहा कि सभी पार्टियाँ सीमांचल को सिर्फ वोट बैंक की तरह देखती हैं, लेकिन विकास की बात किसी ने नहीं की।
2. मुस्लिम प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाए
ओवैसी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा,
“बिहार में मुस्लिम आबादी 17 प्रतिशत है, लेकिन पिछले 60 सालों में केवल 8 प्रतिशत मुस्लिम विधायक ही विधानसभा पहुंच पाए हैं।
जबकि दलित समाज के 25% वोटर हैं और उनके 35% नेता विधानसभा तक पहुंचे हैं। ये असमानता क्यों?”
उन्होंने इसे राजनीतिक भेदभाव और पार्टियों की निष्क्रियता का परिणाम बताया।
3. बीजेपी पर सीधा वार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा,
“जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं, उन्होंने इस चुनाव में एक भी मुसलमान उम्मीदवार नहीं उतारा।
बिहार ने तीन बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन बिहार को सिर्फ जुमले मिले, विकास नहीं।”
उनका यह बयान भीड़ में ज़ोरदार तालियों के साथ गूंज उठा।
4. नीतीश और तेजस्वी पर भी बरसे ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों ने सीमांचल के विकास के नाम पर सिर्फ भाषण दिए, लेकिन ज़मीनी काम कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा,
“सीमांचल के लोगों को सिर्फ ग़रीबी, बेरोजगारी और पलायन मिला।
जो नेता हर बार वोट मांगने आते हैं, वो चुनाव के बाद कभी मुड़कर नहीं देखते।”
5. तीन तलाक और वक्फ कानून पर बोले ओवैसी
ओवैसी ने अपने भाषण में तीन तलाक और वक्फ संशोधन कानून का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के नाम पर कानून बनाकर धर्म और समाज में हस्तक्षेप किया है।
“हमने संसद में इन कानूनों का विरोध किया, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इन कानूनों से मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की साजिश की जा रही है।
6. तौसीफ आलम के समर्थन में अपील
सभा के अंत में ओवैसी ने लोगों से बहादुरगंज के AIMIM प्रत्याशी तौसीफ आलम को समर्थन देने की अपील की।
उन्होंने कहा,
“अगर आप सच में बदलाव चाहते हैं, तो तौसीफ को वोट दीजिए।
यह चुनाव सिर्फ एक सीट का नहीं, बल्कि सीमांचल की आवाज़ बुलंद करने का है।”
तौसीफ आलम लंबे समय से बहादुरगंज में सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं और स्थानीय जनता में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
7. भीड़ और उत्साह का माहौल
सभा स्थल पर जब ओवैसी मंच पर पहुंचे, तो पूरा मैदान नारेबाज़ी से गूंज उठा।
“इंकलाब ज़िंदाबाद”, “ओवैसी ज़िंदाबाद” और “AIMIM का मिशन – सीमांचल का विकास” जैसे नारे लगातार सुनाई दे रहे थे।
स्थानीय युवाओं ने AIMIM के झंडे लहराते हुए कहा कि इस बार सीमांचल की जनता नई राजनीति की ओर रुख कर रही है।
8. ओवैसी की सीमांचल रणनीति
बिहार चुनाव 2025 में AIMIM की रणनीति साफ़ है —
सीमांचल की 24 सीटों में से कम-से-कम 8 सीटों पर दमदार प्रदर्शन करना।
किशनगंज, बहादुरगंज, अमौर और जोकीहाट जैसे इलाकों में ओवैसी की पार्टी पहले से सक्रिय है।
पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता शकील अहमद ने बताया —
“लोग अब जात-पात से ऊपर उठकर अपने मुद्दों पर वोट देने के लिए तैयार हैं।”
9. विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
राजद प्रवक्ता ने AIMIM पर पलटवार करते हुए कहा,
“ओवैसी बिहार की राजनीति में ध्रुवीकरण फैला रहे हैं। उनका मकसद भाजपा को फायदा पहुंचाना है।”
वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि AIMIM सीमांचल के वोट बांटने का काम कर रही है।
AIMIM नेताओं का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ मुस्लिम और पिछड़े वर्गों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देना है, न कि किसी को नुकसान पहुंचाना।
10. स्थानीय मुद्दे बने केंद्र में
बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में लोग सबसे ज़्यादा बेरोजगारी, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से परेशान हैं।
AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम ने कहा,
“अगर जनता ने मौका दिया, तो बहादुरगंज को शिक्षा और रोज़गार का हब बनाया जाएगा।”
11. जनसभा का प्रभाव
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ओवैसी की यह रैली बहादुरगंज में वोटरों पर असर डाल सकती है,
खासकर युवा और अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच AIMIM का प्रभाव बढ़ा है।
हालांकि, मुकाबला अभी भी बहुकोणीय बना हुआ है, और अंतिम परिणाम जातीय समीकरणों पर निर्भर करेगा।
12. निष्कर्ष: सीमांचल में ओवैसी की चुनौती
ओवैसी की यह जनसभा यह साबित करती है कि सीमांचल की राजनीति अब पारंपरिक पार्टियों के भरोसे नहीं चल रही।
AIMIM का यह अभियान “हाशिए के लोगों की आवाज़” बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।
जैसा कि ओवैसी ने अपने भाषण के अंत में कहा —
“हमको बराबरी चाहिए, एहसान नहीं। हमको हक़ चाहिए, खैरात नहीं।”
FAQs: ओवैसी की बहादुरगंज जनसभा से जुड़ी जानकारी
Q1: ओवैसी की रैली कहाँ हुई?
👉 किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में।
Q2: उन्होंने किन दलों पर हमला किया?
👉 राजद, कांग्रेस, भाजपा और जदयू — सभी पर एकसाथ।
Q3: AIMIM प्रत्याशी कौन हैं?
👉 तौसीफ आलम।
Q4: ओवैसी ने अपने भाषण में कौन-कौन से मुद्दे उठाए?
👉 सीमांचल का पिछड़ापन, मुस्लिम प्रतिनिधित्व, तीन तलाक, वक्फ कानून, और बेरोजगारी।
Q5: क्या भीड़ ने उत्साह दिखाया?
👉 हाँ, सभा में हजारों की भीड़ मौजूद रही।
Q6: क्या AIMIM सीमांचल में प्रभावी हो सकती है?
👉 हाँ, 2025 के चुनाव में AIMIM सीमांचल की कई सीटों पर मजबूत दावेदारी बना रही है।
🔗 External Reference:
Press Information Bureau – Bihar Election Coverage 2025



