
जिले में धूमधाम से मनायी गयी गोपाष्टमी
गोपाष्टमी सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। गोपाष्टमी के अवसर पर शहर के भूतनाथ गोशाला शिव मंदिर के निकट स्थित गोशाला में गायों की पूजा-अर्चना की गई और चोकर व गुड़ सभी गायों को खिलाया गया। जुटे दर्जनों की संख्या में शहर के बुद्धीजीवी, गणमान्य व समाजसेवी लोगों ने गायों को चोकर व गुड़ खिलाया व आशीर्वाद लिया।
कई गायों को सजाकर शहर का भ्रमण भी कराया गया। गाजे-बाजे के साथ गाय की शोभायात्रा निकाली गई। शहर के कई मार्गों का भ्रमण करते हुए गायों को वापस गोशाला परिसर लाया गया। इसके पूर्व महिलाओं व शहर के करीब दो सौ से भी ज्यादा लोगों ने गोशाला परिसर पहुंचकर गायों की पूजा अर्चना की और चोकर व गुड़ खिलाया। वहीं दूसरी ओर इसी परिसर में मंदिर के पूर्वी छोड़ पर ध्यान फाउंडेशन द्वारा संचालित गोशाला में भी गायों को चोकर व गुड़ खिलाया गया। इस मौके पर जुटे सभी लोगों ने एक स्वर से कहा कि गौ सेवा हर सनातनी को करनी चाहिए गौ सेवा से पुण्य का लाभ होता है और सनातन धर्म में गौ को माता के रुप में पूजा जाता है। समय समय पर गोशाला आने का भी संकल्प लिया गया। ताकि गोशाला में गायों के हालात को जान सकें। राजकरण दफ्तरी, किशन महाराज, मनीष जालान, व्यवसायी गोविंद बिहानी, मोहनलाल लुणिया, विजय कासलीवाल, सुशील शर्मा उर्फ लाला, सुजीत डोकानिया, राजकुमार अग्रवाल, कैलाश मोदी, पवन जैन, विमल दफ्तरी, कैलाश शर्मा, आत्माराम, निरंजन शर्मा, दामोदर उपाध्याय, लक्ष्मीपत, रोहित , लक्ष्मी , छोटू आदि मौजूद थे।
गोशाला की जमीन के लिए राशि लेने पर आपत्ति:सोमवार को भूतनाथ गोशाला में जुटे लोगों ने गोशाला परिसर में एनजीओ द्वारा गोशाला चलाने के लिए ली गई जमीन से राशि लिये जाने पर आपत्ति जतायी है। पंडित किशन महाराज ने कहा भूतनाथ गोशाला की जमीन से मेडिकल कॉलेज एवं चाय बागानों की आय है। पीसीसी नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी को भाड़े पर दी गई गोशाला की जमीन का भाड़ा कितना है। एनजीओ या अन्य गोसेवी संस्था द्वारा रखी गई गायों के लिए भी उक्त संस्था से गोशाला भाड़ा लेती है।
बोले शहरवासी:राजकरण दफ्तरी ने कहा गो सेवा प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए। वार्ड पार्षद मनीष जालान ने कहा गाय पालने में भेदभाव नहीं हो। व्यवसायी गोविंद बिहानी ने कहा कि गौशाला में पूर्वजों ने भूमि दान इसलिए दिया था कि गाय की सेवा अच्छी तरह से हो। किशनगंज में एनजीओ के द्वारा गौ की सेवा हो रही है। एनजीओ से जमीन देने के नाम पर राशि लिये जाने पर आपत्ति जतायी। लोगों ने कहा एनजीओ को नि:शुल्क जमीन मिले। मौजूदा वक्त में एनजीओ द्वारा संचालिए 500 से अधिक गाय व गौवंश हैं।