किशनगंज:
शहर में बढ़ते ट्रैफिक और अनियंत्रित यातायात व्यवस्था ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।
गांधी चौक, नेमचंद रोड, फल चौक, सौदागर पट्टी रोड, चूड़ीपट्टी रोड, पश्चिम पाली से लेकर मारवाड़ी कॉलेज तक
आज घंटों तक भयंकर जाम लगा रहा।
कड़कड़ाती धूप और उमस भरे मौसम में लोग अपने वाहनों के साथ घंटों फंसे रहे।
नतीजा — बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान, मरीजों के एंबुलेंस तक को आगे बढ़ने में दिक्कत हुई।
शहर की सड़कों पर ठहर गया जीवन
शनिवार दोपहर से लेकर शाम तक लगभग तीन घंटे तक
शहर के मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
मुख्य प्रभावित इलाकों में शामिल हैं:
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गांधी चौक
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फल चौक
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नेमचंद रोड
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सौदागर पट्टी रोड
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चूड़ीपट्टी रोड
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पश्चिम पाली
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मारवाड़ी कॉलेज रोड
जाम इतना भीषण था कि
पैदल चलने वालों को भी सड़कों से गुजरने में कठिनाई हो रही थी।
कड़कड़ाती धूप ने बढ़ाई मुश्किलें
दिनभर चल रही तेज धूप और उमस के बीच
लोगों को घंटों अपने वाहनों में पसीना बहाना पड़ा।
स्थानीय निवासी मोहम्मद इरशाद ने बताया —
“हम गांधी चौक से फल चौक तक जाने में डेढ़ घंटे लग गए।
बच्चे स्कूल बस में फंसे रहे, लोग छांव ढूंढते नजर आए।”
कई ऑटो और बाइक चालकों को अपने वाहन सड़क किनारे रोककर
आराम करना पड़ा क्योंकि ट्रैफिक बिल्कुल नहीं चल रहा था।
जाम से लोगों की दिनचर्या पर असर
लंबे समय से किशनगंज में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती जा रही है।
इससे न केवल लोगों की दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो रही है,
बल्कि व्यापारिक गतिविधियों और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है।
स्थानीय व्यापारी संतोष अग्रवाल ने कहा —
“ग्राहक दुकान तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं।
हर दूसरे दिन जाम लगता है, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।”
प्रशासन और ट्रैफिक विभाग पर उठे सवाल
लोगों का कहना है कि
ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही और यातायात नियमों के अभाव के कारण
स्थिति बिगड़ती जा रही है।
निवासी अंजलि कुमारी ने कहा —
“यहां चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस नहीं दिखती।
नियम तोड़ने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।”
लोगों ने मांग की है कि
प्रशासन जल्द से जल्द शहर के ट्रैफिक सिस्टम को व्यवस्थित करे।
क्या है जाम की वजहें?
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अवैध पार्किंग:
बाजार क्षेत्र में बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन सड़क की चौड़ाई घटा देते हैं। -
असंगठित ऑटो और ई-रिक्शा:
सवारी लेने के लिए ऑटो चालकों का सड़कों पर रुकना ट्रैफिक को रोक देता है। -
सड़क निर्माण और गड्ढे:
कई जगहों पर निर्माण कार्य जारी है जिससे सड़क संकरी हो गई है। -
ट्रैफिक सिग्नल की कमी:
शहर के प्रमुख चौकों पर ट्रैफिक लाइट या संकेतक नहीं हैं। -
पीक ऑवर्स में बढ़ा दबाव:
स्कूल और ऑफिस टाइम में जाम की स्थिति सबसे खराब होती है।
लोगों की राय: “सख्त कदम जरूरी”
स्थानीय नागरिकों ने सुझाव दिया कि
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अवैध पार्किंग पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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गांधी चौक और फल चौक पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएं।
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सुबह और शाम ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी बढ़ाई जाए।
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रिक्शा और ठेला चालकों के लिए अलग लेन बनाई जाए।
शहर के व्यापारी संघ ने भी प्रशासन से अनुरोध किया है कि
जाम से निपटने के लिए एक समर्पित ट्रैफिक प्लान (Traffic Management Plan) बनाया जाए।
प्रशासन ने क्या कहा?
ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजीव झा ने कहा —
“जाम की समस्या को दूर करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
जल्द ही प्रमुख चौकों पर ट्रैफिक डायवर्जन और नो-पार्किंग जोन की व्यवस्था लागू की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि
त्योहारी सीजन को देखते हुए
शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में अस्थायी ट्रैफिक पुलिस प्वाइंट्स बनाए जा रहे हैं।
लोगों की परेशानी बनाम समाधान
| समस्या | संभावित समाधान |
|---|---|
| अवैध पार्किंग | ई-चालान और टोइंग सिस्टम लागू करना |
| ट्रैफिक पुलिस की कमी | हर चौक पर स्थायी तैनाती |
| भीड़भाड़ वाले बाजार | समयबद्ध ट्रैफिक कंट्रोल |
| स्कूल बसों का दबाव | निर्धारित मार्ग तय करना |
| सड़क निर्माण | वैकल्पिक रास्ते की सूचना देना |
FAQs: किशनगंज ट्रैफिक जाम पर सबकुछ
Q1. किशनगंज में सबसे ज्यादा जाम कहाँ लगता है?
👉 गांधी चौक, फल चौक, सौदागर पट्टी रोड और मारवाड़ी कॉलेज रोड पर।
Q2. जाम कब सबसे ज्यादा रहता है?
👉 सुबह 9-11 बजे और शाम 5-8 बजे के बीच।
Q3. क्या प्रशासन ने कोई कदम उठाया है?
👉 हाँ, ट्रैफिक डायवर्जन और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की योजना है।
Q4. क्या सड़क निर्माण जाम का कारण है?
👉 हाँ, कई सड़कों पर निर्माण कार्य जारी होने से मार्ग संकरे हो गए हैं।
Q5. क्या नागरिकों ने कोई सुझाव दिए हैं?
👉 नागरिकों ने नो-पार्किंग जोन और सिग्नल सिस्टम लागू करने की मांग की है।
☀️ निष्कर्ष
किशनगंज शहर में जाम की स्थिति
आम नागरिकों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है।
कड़कड़ाती धूप और गर्मी में घंटों फंसे रहने की मजबूरी
न केवल दैनिक जीवन बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है।
अब जरूरी है कि
प्रशासन यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए
व्यवहारिक और दीर्घकालिक कदम उठाए,
ताकि किशनगंज शहर फिर से सुगम और व्यवस्थित यातायात का उदाहरण बन सके।



