
ट्रामा सेंटर में मिलेगी बेहतर चिकित्सा सुविधा
सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल मरीजों को अब बहुत जल्द अपने जिले में बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा। इसके लिए जिले के सदर अस्पताल में बन रहे ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य जारी है। वर्ष 2020 के अप्रैल में संभवत: ट्रामा सेंटर शुरु होने की संभावना है। ट्रामा सेंटर हर सुविधाओं से लैस होगा।
डॉक्टर, नर्स सहित कई कर्मी इस ट्रामा सेंटर में रहेंगे मौजूद। इसके अलावे ट्रामा सेंटर में सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, एक्स रे आदि जांच की सुविधा भी दुर्घटना में घायल मरीजों को त्वरित स्तर पर मिलेगा। ट्रामा सेंटर के इस इलाके में बनने से घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जायेगी। सेंटर के जरिये समय पर मरीजों को इलाज का लाभ मिलेगा। एनएच होने के कारण इस इलाके में दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर ट्रामा सेंटर खोला जा रहा है। सदर अस्पताल में ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य के लिए सीएस डॉ. परशुराम प्रसाद ने भी अहम भूमिका निभाई है। इस दिशा में कार्य युद्ध स्तर पर काम जारी है। सदर अस्पताल परिसर में बन रहे ट्रामा सेंटर में दुर्घटना में घायल मरीजों को इलाज की पूरी सुविधा मिलेगी। इसके लिए अलग से इसके विशेषज्ञ डॉक्टर, सर्जन, ए ग्रेड नर्स के अलावे कई स्टाफ हमेशा मौजूद रहेंगे। इसके अलावे यहां एमआरआई, सीटी स्कैन आदि जांच की भी सुविधा मिलेगी। ट्रामा सेंटर खुलने से निश्चित रुप से किशनगंज आस पास के इलाके के लोगों को इसका लाभ मिलेगा और समय रहते मरीजों को नव जीवन प्रदान करने में यह सेंटर वरदान साबित होगा। अब तक दुर्घटना में गंभीर रुप से सड़क दुर्घटना में घायलों को बेहतर इलाज के एमजीएम व सिलीगुड़ी रेफर किया जाता रहा है। चुकी यहां बेहतर सुविधा नहीं मिलने से मरीजों के लिए एकमात्र विकल्प सिलीगुड़ी रहता था।
ट्रामा सेंटर बनने से रेफर कम होंगे मरीज: किशनगंज के एनएच हो या किशनगंज-बहादुरगंज पथ एवं बहादुरगंज से अररिया जाने वाली सड़क पर सड़क दुर्घटना होती रहती है। इस दौरान मरीजों को गंभीर हालात में सदर अस्पताल लाया जाता है। जहां विशेषज्ञ डॉक्टर व संसाधन के अभाव में हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। हायर सेंटर में भी सुविधा नहीं होने की बात कह कर उसे सिलीगुड़ी रेफर कर दिया जाता है। इस दौरान जहां मरीजों को इधर उधर लेकर भागने के दौरान समुचित समय पर इलाज नहीं मिल पाता है और जब तक सिलीगुड़ी के अस्पताल में पहुंचे तक तक घायल अंतिम सांस गिन रहा होता है। अगर ट्रामा सेंटर में त्वरित स्तर पर चिकित्सा सुविधा मिलती है तो जहां एक तरह समय पर मरीजों को इलाज का लाभ मिलेगी और दूसरी ओर हादसों में मौतों की संख्या भी कम होगी।
स्रोत-हिन्दुस्तान