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पूर्णिया कॉलेज: न वर्ग कक्षा की समुचित व्यवस्था और न ही शुद्ध पेयजल मयस्सर.

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पूर्णिया कॉलेज: न वर्ग कक्षा की समुचित व्यवस्था और न ही शुद्ध पेयजल मयस्सर.

पूर्णिया विश्वविद्यालय के अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में मॉडल महाविद्यालय माने जाने वाले पूर्णिया कॉलेज मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। पीयू कैम्पस से महज कुछ फ्लांग की दूरी पर स्थित पूर्णिया कॉलेज में न तो पर्याप्त संख्या में शिक्षक हैं और न ही वर्ग कक्ष। पूरे कॉलेज की साफ सफाई की जिम्मेवारी मात्र एक सफाईकर्मी के जिम्मे है। ऐसे में महाविद्यालय में गंदगी हर जगह छात्र व छात्राओं को नजर आ रही है। कॉलेज में विधायक कोष से बना एक शौचालय है, जो अर्से से गंदगी के चलते बंद पड़ा है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.मिथिलेश मिश्र कहते हैं कि शिक्षक से लेकर कर्मियों की कमी की समस्या से कई बार विश्वविद्यालय को अवगत कराया गया। मगर कोई पहल नहीं हुई। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को लेकर जल्द पहल की जा रही है। कॉलेज के हर डिपार्टमेंट में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को लेकर वाटर फिल्टर लगाये जायेंगे। इसके निमित्त ऑडर कॉलेज द्वारा दे दिया गया है।

दरअसल पूर्णिया कॉलेज में चालू सत्र में 22 विषयों की पढ़ाई हो रही है और इन विषयों को पढ़ाने के लिए कॉलेज में शिक्षक भी 22 ही है। जबकि शिक्षक पद की रिक्तयां कॉलेज में 74 है। 22 शिक्षको के भरोसे ही कॉलेज का काम चलाया जा रहा है। पूर्णिया कॉलेज की दस वर्ग कक्ष में सात वर्ग कक्ष में पीयू ने पीजी के लिए स्मार्ट क्लास बना दिया है। इसके चलते स्नातक की वर्ग संचालित करने में परेशानी उत्पन्न हो रही है। वहीं कॉलेज में महज एक सफाईकर्मी नियुक्त है, जिसके लिए पूरे पूर्णिया कॉलेज के परिसर पर साफ रखना बूते से बाहर है। नतीजन वर्ग कक्ष में तो गंदगी रहती ही है। वहीं कॉलेज का शौचालय गंदगी के चलते अर्से से बंद पड़ा है। विधायक कोष से निर्मित शौचालय कुछ वर्ष पूर्व ही बना है। सिर्फ सफाई के अभाव के चलते अर्से से बंद पड़ा है। शौचालय के दरवाजे टूटे हुए हैं। स्थिति देखकर कोई भी उधर जाना नहीं चाहता है। कॉलेज मे शुद्ध पेय जल की व्यवस्था भी अर्से से खराबी के चलते ठप पड़ी हुई है। छात्र व छात्राएं शुद्ध पानी के बजाए चापाकल का आयरनयुक्त पानी पीने को विवश है। हालांकि कॉलेज के प्राचार्य मिथिलेश मिश्र बताते हैं कि कमियों के बावजूद व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाया जा रहा है। हांलाकि शिक्षक व कर्मियों की कमी से परेशानी हो रही है। समस्यों के निराकरण के लिए विवि से पत्राचार किया गया है। वहीं कॉलेज में शुद्धपेय की व्यवस्था को लेकर पहल की जा रही है। कॉलेज के भौतिकी, रसायन, जियोलॉजी व बीबीए समेत कई विषयों के विभागों के अलावा कॉलेज के आफिस में भी वाटर फिल्टर लगाये जायेंगे।

स्रोत-हिन्दुस्तान

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