Home पूर्णिया तीन सौ वर्ष पुराना बरगद का पेड़ आस्था का प्रतीक.

तीन सौ वर्ष पुराना बरगद का पेड़ आस्था का प्रतीक.

2 second read
Comments Off on तीन सौ वर्ष पुराना बरगद का पेड़ आस्था का प्रतीक.
0
664

तीन सौ वर्ष पुराना बरगद का पेड़ आस्था का प्रतीक.

अमौर प्रखंड स्थित विष्णुपुर गांव में तीन सौ साल पुराना एक विशाल बरगद का पेड़ मां काली की आस्था का प्रतीक बना हुआ है । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी इस बरगद पेड़ के समीप अवस्थित काली मंदिर में भव्य सजावट के साथ मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई है। जहां अटूट श्रद्धा व विश्वास के साथ श्रद्धालुओं द्वारा मां काली की पूजा-अर्चना की जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आज से करीब तीन सौ साल पूर्व एक नव विवाहित दुल्हन रानीगंज हांसा से दुरागमन होकर विष्णुपुर गांव के स्व. मुकुन्द झा के परिवार में आयी थी।

मैथिली संस्कृति के अनुसार दुल्हन अपने आंचल में खोयछा लेकर आयी थी जिसे गोंसाई घर में खोल कर रखना था। किन्तु लाख प्रयासों के बावजूद गोंसाई घर में खोछा नहीं खुल पाया, जिससे परिवार के लोग किसी दैवी प्रकोप की आशंकाओं से भयभीत होने लगे । दूसरे दिन पड़ोस की एक धार्मिक प्रवृति की वृद्ध महिला ने आकर बताया कि उसे रात में मां काली का स्वप्न आया है। दुल्हन के घर के सामने एक छोटा सा बरगद पेड़ है जहां माता स्थान चाहती है। इसके गांव के लोगों उक्त बरगद पेड़ के नीचे मां काली को स्थापित करने निर्णय लिया। ग्रामीण महिलाओं ने उक्त बरगद पेड़ नीचे मिट्टी का पिंड बनाया जहां नवविवाहित दुल्हन को लाकर बैठाया गया तथा पंडित को बुलाकर विधिवत मां काली की पूजा अनुष्ठान प्रारंभ हुई। पूजा अनुष्ठान के दौरान दुल्हन का खोयछा खुल गया और खोयछा सामग्री को मां काली का स्वरूप मान कर बरगद पेड़ के नीचे स्थापित कर दिया गया। यह बरगद का पेड़ आज भी यहां विशाल पेड़ के रूप में विद्यमान हैं। जहां हर दिन श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की जाती है ।

पूर्व में इस बरगद पेड़ के समीप घास फूस का एक छोटा सा मंदिर का निर्माण किया गया था। जहां हर वर्ष कार्तिक मास में मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर मां काली की पूजा अनुष्ठान की जाती थी। बाद में इस मंदिर का विस्तार कर टीन छत का मंदिर बनाया गया और वर्तमान में इस मंदिर का सौंदर्यीकरण कर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है जो पूरे क्षेत्र के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इस वर्ष भी देवेशनाथ झा के नेतृत्व में भव्य काली पूजा समारोह का आयोजन किया जा रहा है । पूजा समिति के शोभानाथ झा, सुरेशनाथ झा, कमलेशनाथ झा, राजमोहन झा, विरेन्द्रनाथ झा, नवीन कुमार झा, विपिण कुमार झा, अवधेश कुमार झा, सतीष कुमार झा, प्रकाश झा, विकास झा, नरेश झा, प्रदीप कुमार मिश्र, जीवेश्वर मिश्र, सुमन कुमार मिश्र, रमण कुमार मिश्र, पी के करन, संजय कुमार दास, जगदीश मंडल आदि इसमें सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

फोटो- 2 अमौर के विष्णुपुर गांव स्थित बरगद के पेड़ के नीचे होती है मां काली की पूजा

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In पूर्णिया
Comments are closed.

Check Also

पूर्णिया में 16 KG का मूर्ति बरामद, लोगों ने कहा-यह तो विष्णु भगवान हैं, अद्भुत मूर्ति देख सभी हैं दंग

पूर्णिया में 16 KG का मूर्ति बरामद, लोगों ने कहा-यह तो विष्णु भगवान हैं, अद्भुत मूर्ति देख…