Home खेल जगत भ्रष्टाचार के मामलों में कैसे फंसता गया लालू परिवार? चारा घोटाले से लेकर नौकरी के बदले जमीन मामला

भ्रष्टाचार के मामलों में कैसे फंसता गया लालू परिवार? चारा घोटाले से लेकर नौकरी के बदले जमीन मामला

2 second read
Comments Off on भ्रष्टाचार के मामलों में कैसे फंसता गया लालू परिवार? चारा घोटाले से लेकर नौकरी के बदले जमीन मामला
0
128

भ्रष्टाचार के मामलों में कैसे फंसता गया लालू परिवार? चारा घोटाले से लेकर नौकरी के बदले जमीन मामला

कुछ दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में ईडी के सामने पेश हुए थे। राजद कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया था।

 

बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन उनपर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप हैं। कुछ दिन पहले ही ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में उनसे पूछताछ की। बिहार के मुख्यमंत्री और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव लंबे समय से करप्शन के मामलों का सामना कर रहे हैं। इसमें उन्हें सजा भी हुई है। सबसे बड़ा मामला चारा घोटाले का है। जो लंबे समय तक सुर्खियों में रहा। भ्रष्टाचार के दाग लालू की राजनीति में कभी कभी रोड़ा भी बनते हैं।

चारा घोटाले का मामला 1996 में सामने आया था। आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी लालू की पार्टी अब राज्य की सत्ता में भी नहीं है। लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा रोकने समेत अपने कई फैसलों की वजह से जाने जानेवाले लालू जांच एजेंसियों के निशाने पर लंबे समय से हैं। सीबीआई और ईडी उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है।

5 साल जेल, 60 लाख जुर्माना

लालू यादव को चारा घोटाला मामले में दोषी पाया गया था और 5 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वे 3 साल 6 महीने जेल में रहे और अब जमानत पर बाहर हैं। उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। बावजूद इसके राज्य में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। मुसलमानों और यादवों का एक बड़ा हिस्सा उन्हें नोट देता रहा है। हालांकि साल 2005 के बाद से उनकी पार्टी राज्य में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है। चारा घोटाले ने लालू को भ्रष्चाचार का पर्याय बना दिया है।

 

क्या है चारा घोटाला मामला

चारा घोटाला बिहार राज्य का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। 1996 में मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की। जब यह घोटाला हुआ था तब बिहार और झारखंड एक ही राज्य थे। पशुपालन विभाग में करोड़ो रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया। 1997 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की। मामले में जब लालू प्रसाद यादव का नाम सामने आया तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

 

वहीं 27 जनवरी, 1996 को सिंहभूम जिले (अब झारखंड में) के जिला मजिस्ट्रेट ने चाईबासा शहर में पशुपालन विभाग में छापा मारा। इसमें जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स से गबन की बात पता चली। 17 जून 1997 को तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई से लालू पर मुकदमा चलाने की परमिशन मिल गई।

वहीं 23 जून 1997 को, सीबीआई ने लालू समेत 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अब जमीन के बदले नौकरी मामले के दायरे में लालू यादव का पूरा परिवार आ गया है। जब लालू रेलमंत्री थे तब आईआरसीटीसी घोटाला सामने आया था। यह साल 2004 और 2009 के बीच की बात है।

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In खेल जगत
Comments are closed.

Check Also

राबड़ी देवी का ललन सिंह पर तीखा पलटवार, गुस्से में पूछा ये बड़ा सवाल

राबड़ी देवी का ललन सिंह पर तीखा पलटवार, गुस्से में पूछा ये बड़ा सवाल  राबड़ी देवी ने कहा कि…