महंगाई की मार से लोग परेशान
बीते तीन महीने से रसोई गैस, पेट्रोल आदि की कीमतें स्थिर हैं। बावजूद इसके खाने-पीने की चीजों की महंगाई कम नहीं हो रही है। बीते तीन महीने में खाने-पीने की कई चीजों के दाम घटने की बजाए बढ़ गए हैं।
सत्तू, दूध, चीनी और खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ने से घरों की रसोई का बजट बिगड़ रहा है। वार्ड 17 की सोनी कोसियन कहती हैं कि लगातार कीमतें बढ़ने से रसोई का बजट बीते पांच-छह महीने में ढाई से तीन हजार रुपये तक बढ़ गया है। 25 किलोग्राम के आटा के पैकेट की कीमत पहले 640 रुपये से 820 रुपये हुई थी। अब बढ़कर 870 रुपये हो गया है। ब्रांडेड आटा की बात करें तो 25 किलोग्राम वाले पैकेट की कीमत 840 रुपये से बढ़कर 855 रुपये और 30 किलोग्राम वाले पैकेट की कीमत 1080 रुपये से 1120 रुपये हो गई है। चीनी की कीमत 45 रुपये किलो तक पहुंच गयी है।
झखराही के अभय चौधरी कहते हैं कि खाने-पीने की चीजों के अलावा सर्फ और साबुन आदि की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। 70 रुपये बिकने वाला सर्फ 77 रुपये में और ब्रांडेड सर्फ की कीमत 240 रुपये से बढ़कर 315 रुपये तक हो गयी है। वहीं साबुन की कीमतें 35 रुपये से बढ़कर 42 रुपये हो गयी हैं। छोटे साबुन का पैक 17 रुपये से बढ़कर 22 रुपये हो गया है। इसके अलावा खटाल का दूध 46 रुपये किलो से बढ़कर 53-54 रुपये तक हो गया है। दाल की कीमत बीते दो सालों में पहले ही 40 से 45 रुपये तक बढ़ चुकी है।
चावल से मिली है राहत: बीते तीन महीने में चावल की कीमतों के घटने से थोड़ी राहत मिली है। उत्तरी हटखोला रोड के बैजू साह और लोहिया चौक के लाल सहनी कहते हैं कि चावल की बोरी पर औसतन 50 रुपये की कमी हो गई है। सेवन स्टार चावल की बोरी एक हजार रुपये की जगह 950 रुपये हो गई है। वहीं लाडली ब्रांड चावल की बोरी 1140 रुपये की जगह 1050 रुपये में मिल रही है।