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दिल्ली सरकार ने बाल काटने की पारंपरिक कला और सैलून को नए सिरे से बढ़ावा देने के लिए नया कदम उठाया है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने इस पेशे से जुड़े लोगों को नवीनतम तकनीकों को अपनाने के उपाय सुझाने के उदेश्य से दिल्ली केश कला बोर्ड के गठन की मंजूरी दी है. मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया है.
स्तरीय बोर्ड में कौन होंगे शामिल
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि राज्य स्तरीय बोर्ड में एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे. बोर्ड का सदस्य सचिव, उप-सचिव पद पर कार्यरत या सेवा निवृत्त अधिकारी होगा, जिसे दिल्ली सरकार नियुक्त करेगी. जिला स्तरीय समिति में एक अध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे. ये समितियां नीतियों और योजनाओं के निर्माण में सहायता देगी. जबकि जिला स्तरीय समिति में किसी प्रकार का कार्यालय या पारिश्रमिक नहीं मिलेगा.
महत्वपूर्ण तकनीकी समाधान
दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक केशों से जुड़े इस उद्योग ने कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी समाधानों को देखा है. ये समाधान बाजारों में अपनी वृद्धि को बढ़ावा देता है. इस उद्योग में सर्वश्रेष्ठ समाधान पेश करने के लिए नवीनतम तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया है. वैश्विक तौर पर 2024 तक इस उद्योग से जुड़े व्यवस्याए से 105.3 बिलियन अमरीकी डालर (7,33, 28 2.87 करोड़) तक के व्यापार पहुंचने की उम्मीद है. अनौपचारिक अनुमान के अनुसार भारत में इस व्यवसाय से आय की कीमत 22500 करोड़ है.