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‘नीतीश बाबू’ के लिए आसान नहीं होगा मंत्रिमंडल विस्तार, शपथ ग्रहण के बाद अब आगे क्या?
बिहार में कुल 243 विधायक हैं, जिनमें से करीब 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल कुल 9 लोगों ने शपथ ली है। आगे मंत्रिमंडल विस्तार होना है।
बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद अगर आपको ऐसा लग रहा है कि अब राज्य में राजनीतिक संकट टल गया है तो यह आपकी भूल है। राज्य में अभी नवनिर्मित सरकार की अग्निपरीक्षा यानि मंत्रिमंडल विस्तार बाकी है। एनडीए इस बार अपने मंत्रिमंडल गठन में राज्य के अलग-अलग वर्गों और पार्टियों को किस तरह संतुष्ट करेगी यह देखने वाली बात होगी।
मंत्रिमंडल विस्तार में यहां फंसेगा पेंच
जानकारी के अनुसार बिहार की कुल 243 विधायकों में करीब 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल कुल 9 लोगों ने शपथ ली है। जिसमें एक सीमएम और दो डिप्टी सीएम शामिल है। अभी 28 लोग और मंत्रिमंडल में शामिल किए जानें हैं। यहां बता दें कि बिहार की पिछली सरकार में कुल 31 मंत्री थी। अब अंदरखाते जदयू, बीजेपी और अन्य पार्टियां अपने विधायक को किसी तरह मंत्री पद या स्वतंत्र प्रभार दिलवा सरकार में खुद को मजबूत करने की जुगत में लगी है। ऐसे में बिहार कुर्मी, यादव, महादलित और अतिपिछड़ा वर्ग को सरकार किस तरह साथ लेकर लोकसभा चुनाव 2024 का रास्ता तय करती है, भविष्य में यह देखने वाली बात होगी।
बिहार के पूरे गणित को समझिए
जानकारी के अनुसार बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट हैं। इन सीटों में कुल 79 सीटों पर आरजेडी के विधायक हैं। इसके बाद 78 सीटों पर बीजेपी और 45 सीटों पर जेडीयू काबिज है। इसके अलावा सीपीआई (एम-एल) पर 12 और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM) के पास 4 सीट हैं। अब एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, हम, लोक जनशक्ति पार्टी समेत अन्य पार्टियों ने एक साथ आकर सरकार बनाई गई। शपथ ग्रहण में विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम बना एनडीए ने भूमिहारों को साध लिया है वहीं, सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाकर बिहार के पिछड़ा वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास है।