नई कृषि कानूनों के विरोध में आज बिहार किसान कामगार संगठन के तत्वाधान में शहीद स्मारक शिव भक्तों पर एक धरना का आयोजन किया गया। आज के धरना का मुख्य उद्देश्य केंद्र द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों का तत्काल रद्दोअमल था।
आज के धरने में संगठन के प्रदेश संयोजक राइडर राकेश, महासचिव पंकज कुमार सिंह, पूर्व पार्षद अजब लाल चौधरी, कॉन्ग्रेस के जिला प्रवक्ता मुकेश कुमार सिंह, खोड़ी पाकड़ पुल निर्माण संघर्ष समिति के संजय संघर्ष सिंह, छात्र राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष विशाल पटेल, छात्र नेता अरविंद कुमार, संगठन के तरियानी ब्लॉक प्रभारी धनंजय साहनी, जिला प्रवक्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र, महंत शंभू शरण दास, तरियानी छपरा पंचायत के उ मुखिया फेकन बैठा, योगेंद्र पासवान, नंदकिशोर राम, संजू देवी, अखिलेश कुमार, बबलू कुमार, रंजना कुमारी, चुनचुन कुमार, यमुना सहनी समेत लगभग 4 दर्जन लोगों ने भाग लिया।
धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए संजय संघर्ष सिंह ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ज़ोर दिया और कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर हाल में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो। संगठन के तरियानी प्रखंड प्रभारी धनंजय सहनी ने पंजाब के किसानों को नमन किया और उनके साथ होनेकी बात कही।
बिहार राज्य किसान सभा के डॉ. ज़फ़र इक़बाल ने कहा कि मौजूदा कानूनों को केंद्र की वर्तमान और पिछली सरकारों की नीतियों और नीयत के परिप्रेक्ष्य में देखने पर यह साफ होता है कि सरकार हर हाल में खेती से किसानों को दरकिनार कर देना चाहती है। मौजूदा कानूनों के अंतर्गत जमाखोरी और खेती में ठेकेदारी को खुली छूट दे दी गई है।
इस अवसर पर बिहार किसान कामगार संगठन के संस्थापक संयोजक राइडर राकेश ने कहा कि केंद्र सबसे पहले दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग को बाइज्जत माने और तीनों कृषि कानूनों को अविलंब खारिज करे। किसानों को अपनी खेतों में पैदा होने वाले अनाजों की कीमत स्वयं तय करने का अधिकार मिले। अनाज की कीमत तय होते हर हाल मेन वक़्त किसानों की रिहाइश, उनके बच्चों की शिक्षा, दवाई और भविष्य निधि को ध्यान में रखा जाये।
संगठन के महासचिव व तरियानी के पूर्व प्रमुख प्रतिनिधि पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पंजाब के किसानों ने जो रास्ता दिखाया है, बिहार उसका अनुसरणकरेगा और तीनों कानून जबतक निरस्त नहीं हो जाते, आंदोलन की गति और तेज होगी।
इस अवसर पर महंत शंभु शरण दास, कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश कुमार सिंह और किसान नेता शंकरजी ने भी तीनों काले कानूनों को रद्द करने की माँग की।
सभा के बाद राइडर राकेश की अगुवाई में एक छह सदस्यीय ने उपसमाहर्ता को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।