Home खास खबर NEET Paper Leak: SC में आज होने वाली अहम सुनवाई से पहले CBI को मिली बड़ी सफलता, तीन डॉक्टर गिरफ्तार

NEET Paper Leak: SC में आज होने वाली अहम सुनवाई से पहले CBI को मिली बड़ी सफलता, तीन डॉक्टर गिरफ्तार

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NEET Paper Leak: SC में आज होने वाली अहम सुनवाई से पहले CBI को मिली बड़ी सफलता, तीन डॉक्टर गिरफ्तार

 

NEET Paper Leak: सीबीआई ने पटना AIIMS के 3 डॉक्टरों को हिरासत में लिया, तीनों का लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर लिया गया है

 

NEET Paper Leak:  नीट पेपर लीक मामले की सुनवाई से पहले सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है. सीबीआई पेपर लीक गिरोह के सॉल्वर्स कनेक्शन तक पहुंची गई. CBI ने पटना AIIMS के 3 डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया है. सीबीआई तीनों डॉक्टरों को पूछताछ   के लिए अपने साथ ले गई है. पटना AIIMS के ये तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स रहे हैं. सीबीआई ने इन तीनों डॉक्टरों का कमरा भी सील कर दिया है. इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है. CBI ने NEET पेपर लीक वाले से लेकर उससे सेटिंग वाले अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का पूरा नेटवर्क जोड़ा है.

 

पेपर ले जाने वाले ट्रक से पर्चा उड़ाने वाले पंकज को CBI दबोच चुकी है. उसका ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से कनेक्शन मिल चुका है. हजारीबाग के इस स्कूल से पेपर संजीव मुखिया तक पहुंचा. संजीव मुखिया से पेपर रॉकी तक पहुंचा. रॉकी ने सॉल्वर्स  के जरिए पेपर सॉल्व कराया. इसी कनेक्शन में पटना एम्स के तीनों डॉक्टरों को CBI ने हिरासत में लिया है. सीबीआई तीनों डॉक्टरों को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई. ये तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल छात्र हैं. CBI ने इन तीनों डॉक्टरों का कमरा सील कर दिया है. इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर गुरुवार यानि आज सुनवाई होगी. सीजेआई चंद्रचूड, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है. इससे पहले पीठ ने 11 जुलाई को परीक्षा रद्द करने के साथ दोबारा परीक्षा कराने व याचिकाओं पर सुनवाई 18 तक के लिए स्थगित कर दी थी.

बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया गया. इसमें केंद्र ने कहा कि नीट-यूजी के रिजल्ट का डेटा विश्लेषण आईआईटी-मद्रास की ओर से किया गया था. इसमें पाया गया कि न तो सामूहिक कदाचार का कोई संकेत था और न ही उम्मीदवारों का कोई स्थनीय समूह था, जिससे लाभ हुआ और असामान्य रूप से उच्च अंक प्राप्त हुए. सरकार का यह दावा है कि शीर्ष अदालत की ओर से 8 जुलाई को की गई टिप्पणियों के तहत सामने आया है. केंद्र के अनुसार, अगर परीक्षा आयोजित करने में बड़े पैमान पर कदाचार हुआ है तो अदालत दोबारा परीक्षा का आदेश दे सकती है.

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