गंगा में स्नान करने को उमड़ी लोगों की भीड़
रविवार को शरद पूर्णिमा के दिन गंगा कोसी संगम स्थल से लेकर मनिहारी के पावन गंगा तट पर हजारों महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर अपने जीवन को कृतार्थ किया।
पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान को लेकर कटिहार मनिहारी एवं कुरसेला से गंगा कोसी संगम स्थल पर काफी भीड़ देखी गई। वहीं गंगा स्नान के बाद अब लोग धन्तेरस व दीपावली की तैयारी में जुटने लगे हैं। वैदिक साहित्य में आश्विन शुक्लपक्ष पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी। जिसे नारायण के वाम पार्श्व में बैठने का अवसर मिला। कहा गया है कि साल में एक बार शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से लिप्त होकर अपना प्रकाश जगत में फैलाता है। इसी कारण श्रीमद्भगवत में भी चर्चा की गई है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी शरद पूर्णिमा के दिन ही 16 कलाओं से लिप्त चन्द्रमा के प्रकाश में महारास किया था। बताया जाता है कि इस दिन सायंकाल में खीर बनाकर माता लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है।
स्रोत-हिन्दुस्तान