
अपनी सीट नही बचा सकी कांग्रेस
अपनी पारंपारिक जीती सीट नहीं बचा सकी कांग्रेस
किशनगंज विस उपचुनाव में ढ़ह गया कांग्रेस का किला
किशनगंज के सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद की मां साईदा बानू थी कांग्रेस की प्रत्याशी
किशनगंज। राकेश कुमार (कार्यालय संवाददाता)
कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला किशनगंज विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस
प्रत्याशी साईदा बानू को हार का सामना करना पड़ा। किशनगंज विधानसभा सीट पर
डॉ. मो. जावेद आजाद तीन बार विधायक रह चुके हैं। किशनगंज के तत्कालीन
सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी के सांसद काल में निधन के बाद वर्ष 2019
के लोकसभा आम चुनाव में तत्कालीन किशनगंज विधानसभा के कांग्रेस विधायक
डॉ. मो. जावेद आजाद ने कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा व जीता
भी लिया। इस वजह से किशनगंज विधानसभा की सीट खाली हुई थी। जहां उपचुनाव
में कांग्रेस पार्टी ने परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए कांग्रेस के सांसद
डॉ. मो. जावेद आजाद की मां साईदा बानू को कांग्रेस ने इस उम्मीद से टिकट
दिया था कि उनकी जीत सुनिश्चित हो। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। किशनगंज
विधानसभा सीट पर जीत एमआईएम पार्टी को मिली। एआईएमआईएम के प्रत्याशी
कमरुल होदा ने 70469 वोट लाकर बीजेपी प्रत्याशी स्वीटी सिंह 60258 को
10204 वोटों से हरा दिया। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी साइदा बानो 25285 वोट
लाकर तीसरे स्थान पर रही। गौरतलब हो कि किशनगंज के सांसद डॉ. मो. जावेद
आजाद के पिता मो. हुसैन आजाद भी कई बार कांग्रेस के विधायक रहे और बाद
में मंत्री भी बने थे। लेकिन इस सीट से कांग्रेस की हार कांग्रेस के लिए
बड़ी सबक है। डॉ. मो. जावेद आजाद सांसद रहते हुए भी अपनी मां कांग्रेस
प्रत्याशी साईदा बानो को जीत नहीं दिला सके जो किशनगंज में चुनाव परिणाम
आने के बाद जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
परिवारवाद बनी कांग्रेस के हार की वजह
कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह परिवारवाद रही। टिकट की घोषणा के बाद ही
कांग्रेस के कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी व सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद
से नाराज थे। आम वोटर भी परिवारवाद से खफा थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के
अनुसार किशनगंज के सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद ने कांग्रेस के किसी
कार्यकर्ता को टिकट देने की बजाय अपनी मां को टिकट देने की पहल की। जिसके
बाद सांसद की मां साईदा बानो को कांग्रस का टिकट मिला। टिकट बंटवारे से
पहले ही कांग्रेस के कार्यकर्ता को भनक लग गई थी कि सांसद अपनी मां को
टिकट दिलाना चाहते थे जिसके बाद कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रेस
कान्फ्रेंस कर ऐसा होने पर विरोध जताया था।
स्रोत-हिन्दुस्तान