Home सुपौल आत्मनिर्भर बनने के लिए खेती के क्षेत्र में बदलाव लाने की है जरूरत : डीएम

आत्मनिर्भर बनने के लिए खेती के क्षेत्र में बदलाव लाने की है जरूरत : डीएम

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आत्मनिर्भर बनने के लिए खेती के क्षेत्र में बदलाव लाने की है जरूरत : डीएम

जागरण संवाददाता, सुपौल: आगामी रबी फसल के उत्पादन व उत्पादकता को बेहतर बनाने के लिए आत्मा द्वारा शुक्रवार को पावर ग्रिड के सभा भवन में एक दिवसीय जिला स्तरीय रबी कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी महेंद्र कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा, परियोजना निदेशक आत्मा राजन बालन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। ऐसी स्थिति में यहां के लोगों के लिए कृषि ना सिर्फ आय, बल्कि उनके जीवन-यापन का एक साधन है। ऐसे में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें खेती के क्षेत्र में बदलाव लाने की जरूरत है। जब तक पारंपरिक खेती से किसान आगे नहीं बढ़ेंगे तब तक उनका भला होने वाला नहीं है। सरकार तो किसानों के बेहतरी के लिए योजनाएं बनाती है, परंतु योजनाओं को लागू करने व किसानों में व्यवहार परिवर्तन लाने की जिम्मेवारी कृषि कर्मियों पर है। इसके लिए कृषि कर्मियों को अपने विचार में बदलाव लाने की जरूरत है। कृषि से संबंधित सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर पहुंचे इसके लिए कर्मियों को मेहनत और अपनी जिम्मेवारी को भली-भांति समझने की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की योजनाएं अन्नदाताओं तक पहुंचे इसके लिए हमें अपने कर्तव्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। यदि कृषि कार्य में अपने कर्तव्य में अभिरुचि दिखाते हैं तो फिर हमारा लक्ष्य छोटा पड़ जाएगा और दिए गए लक्ष्य से हम काफी आगे बढ़ जाएंगे। जिलाधिकारी ने किसान जागरूकता पर बल देते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़े इसके लिए किसानों को किसानी कार्य के अलावा इनसे जुड़े अन्य योजनाएं जैसे कि पशुपालन, मत्स्य पालन आदि की ओर आकर्षित होने की जरूरत है। खासकर वैसे प्रगतिशील किसान जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में अच्छा कर यह उपाधि प्राप्त की है उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने आसपास के किसानों को बेहतरी के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। इसके अलावा पड़ोस के जिले के वैसे किसान को भी आमंत्रित कर किसानों के लिए सेमिनार आयोजित करें ताकि कृषि के क्षेत्र में एक-दूसरे से कुछ अलग करने की उसमें प्रेरणा व ललक जगे। जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने रबी मौसम में संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए कहा कि इस बार रबी मौसम में सभी बीजों का वितरण एप के माध्यम से किया जाएगा। इसलिए सभी किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक किसानों को एप के माध्यम से उनका रजिस्ट्रेशन करवा दें। ताकि किसान सरकार की योजनाओं से वंचित न रह सके। कहा कि इस कार्य में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खासकर कृषि समन्वयक को हमेशा अपने कार्य क्षेत्र में बने रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी कृषि समन्वयक बिना किसी कार्य के प्रखंड या जिला कृषि कार्यालय में नहीं रहेंगे। इसके अलावा रबी महोत्सव के तहत प्रखंडों में आयोजित होने वाले प्रखंड स्तरीय रबी महोत्सव में खानापूर्ति नहीं चलेगी। महोत्सव में अधिक से अधिक किसान पहुंचे और उन्हें सरकार की योजनाओं और उन्नत खेती का टिप्स मिले यह सुनिश्चित करना होगा। कहा कि अनुदानित दर पर मिलने वाले बीज में किसानों को अनुदान की राशि काटकर ही बीज विक्रेता से बीज प्राप्त करना है। जबकि प्रत्यक्षण बीज में पूरी राशि किसान दुकानदार को दिया करेंगे। फिर अनुदान की राशि उन्हें आरटीजीएस के माध्यम से सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। कहा कि सभी बीज विक्रेता यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें किस दिन कितना बीज प्राप्त हुआ। इसकी सूचना सीधे वह कार्यालय को देंगे। ताकि जिले में बीज की कोई किल्लत न हो सके। सरकार ने इस बार बीज की गुणवत्ता पर विशेष रूप से निगरानी कर रखी है। इसलिए सभी बीज विक्रेता किसानों के हाथों बीज बेचने से पहले उनके नमूना जांच के लिए कार्यालय को सैंपल भेजना सुनिश्चित करेंगे। परियोजना निदेशक आत्मा राजन बालन के संचालन वाले इस कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, एटीएम, बीटीएम, किसान सलाहकार समेत बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
स्रोत-दैनिक जागरण

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