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बिहार में 48 घंटे में 8 तटबंध ध्वस्त, 20 की मौत, 16 जिलों में 10 लाख आबादी प्रभावित

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बिहार में 48 घंटे में 8 तटबंध ध्वस्त, 20 की मौत, 16 जिलों में 10 लाख आबादी प्रभावित

बिहार में बाढ़ के चलते 16 जिलों की 10 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है। सोमवार की देर तक मिली जानकारी के मुताबिक 8 तटबंध टूटे हैं। 20 लोगों की मौत हुई है और 7 लोग लापता हैं।

बिहार में कोसी और उसकी सहायक नदियों का कहर जारी है। उत्तर और पूर्वी बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है। बेतिया में गंडक नदी का रौद्र रूप जारी है। चंपारण के बेतिया में दक्षिणी पटजीरवा के इमली ढाला के पास रिंग बांध 70 फीट से ज्यादा टूट गया है। इससे एक दिन पहले बगहा में बांध टूटा था, जिसके बाद इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया था। रिंग बांध के टूटने के पीछे भी इंजीनियरों की लापरवाही बताई जा रही है, क्योंकि बांध सिपेज होने से टूटा है। बेतिया में देर रात साढ़े ग्यारह बजे बांध टूटा, जिसके चलते बैरिया प्रखंड में अफरातफरी का माहौल बन गया। इलाके के दर्जनों गांवों के बाढ़ में डूबने का खतरा मंडराने लगा है। गांव में पानी भरता देख लोग अपने-अपने घरों से सामान निकाल रहे हैं। ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है।

 

कहां-कहां टूटा तटबंध

बेतिया के अलावा बिहार में सीतामढ़ी के बेलसंड में बायां तटबंध टूटा है। इसके साथ ही रून्नी सैदपुर के नुनौरा और तिलक ताजपुर में बागमती का बांध टूटा है। पश्चिम चंपारण के बगहा-1 प्रखंड के खैरटवा गांव में गंडक नदी पर स्थित चंपारण तटबंध टूटा है। दरभंगा के कीरथपुर प्रखंड में तेतरी गांव में कोसी नदी का तटबंध टूटने की खबर है। शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड के छपरा गांव में बागमती नदी का दायां तटबंध ध्वस्त हो गया है।

भारी बारिश के चलते आई बाढ़ में अलग-अलग जिलों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि सात लोग लापता हैं। नदियों में भारी मात्रा में पानी होने के चलते राज्य के 10 जिलों खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल और भोजपुर में तटबंधों पर भारी दबाव है।

16 जिलों की 10 लाख आबादी प्रभावित

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को बताया कि 106 इंजीनियरों की टीम मैदान में उतारी गई है। तटबंध टूटे नहीं, इसके लिए इंजीनियरों को तत्काल मरम्मत की हिदायत दी गई है। नेपाल में पानी थमने के बाद कोसी के वीरपुर बैराज का डिस्चार्ज घटकर 1.92 लाख रह गया है, जबकि गंडक के वाल्मीकिनगर बैराज का पानी 1.66 लाख क्यूसेक रह गया है।

कोसी का पानी अब मधेपुरा और खगड़िया जिले के कई गांवों में फैल गया है। सबसे ज्यादा तबाही सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में हुई है। गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के 16 जिलों की तकरीबन 10 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ के चलते सात जिलों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। वाराणसी और रांची से एनडीआरएफ की 6 टीमें प्रभावित इलाकों में लगाई गई है।

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